Whatsapp जासूसी मामला: गृह मंत्रालय ने कहा- मीडिया के बयान हमारे नहीं, सरकार की छवि खराब करने पर कार्रवाई होगी

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: October 31, 2019 06:48 PM2019-10-31T18:48:56+5:302019-10-31T19:01:46+5:30

पहले खबर आई थी कि भारत सरकार ने व्हॉट्सएप जासूसी मामले को लेकर जवाब मांगा है लेकिन अब गृहमंत्रालय ने कहा है कि मामले को लेकर सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है और जो भी बयान सामने आए हैं, वे मीडिया की रिपोर्ट्स के आधार पर हैं।

Whatsapp Spying Case: MHA says statements based on media reports to malign govt, will take action | Whatsapp जासूसी मामला: गृह मंत्रालय ने कहा- मीडिया के बयान हमारे नहीं, सरकार की छवि खराब करने पर कार्रवाई होगी

गृहमंत्री अमित शाह। (फाइल फोटो)

Highlightsगृह मंत्रालय ने कहा है कि मामले को लेकर सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है और जो भी बयान सामने आए हैं, वे मीडिया की रिपोर्ट्स के आधार पर हैं।गृह मंत्रालय में मामले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है।

मैसेंजर एप व्हॉट्सएप पर भारतीयों की जासूसी और गोपनीयता भंग करने के मामले में गृह मंत्रालय का बयान आया है। दरअसल, पहले खबर आई थी कि भारत सरकार ने व्हॉट्सएप जासूसी मामले को लेकर जवाब मांगा है लेकिन अब गृहमंत्रालय ने कहा है कि मामले को लेकर सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है और जो भी बयान सामने आए हैं, वे मीडिया की रिपोर्ट्स के आधार पर हैं। गृह मंत्रालय में मामले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, व्हॉट्सएप जासूसी मामले को लेकर भारत के गृहमंत्रालय ने कहा, ''भारतीय नागरिकों की गोपनीयता भंग करने के बारे में कुछ बयान मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सामने आए हैं। कथित गोपनीयता भंग करने के बारे सरकार की छवि खराब करने के प्रयास पूरी तरह से भ्रामक है, सरकार गोपनीयता भंग को लेकर किसी भी मध्यस्थ के खिलाफ कार्रवाई करेगी।''


बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हॉट्सएप ने कहा है कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। खबर में यह भी कहा गया था कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इजराइली स्पाईवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) के मुद्दे पर व्हॉट्सएप से जवाब मांगा है। व्हॉट्सएप से अपना जवाब चार नवंबर तक देने को कहा गया है।

खबर में कहा गया था कि व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है लेकिन कहा गया है जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं वे चार महाद्वीपों में फैले हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।

खबर में आगे कहा गया था कि व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं। व्हॉट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया। व्हॉट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हॉट्सएप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है। कंपनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं।

हालांकि कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय प्रयोगकर्ता भी शामिल हैं।

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Whatsapp Spying Case: MHA says statements based on media reports to malign govt, will take action

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