उच्चतम न्यायालय ने रेखांकित किया है कि ऐसी धारणा है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मिलने वाले मामलों में ‘‘सफलता दर’’ कम है और कहा है कि प्रमुख जांच एजेंसी अवरोधों की पहचान करे तथा अपनी अभियोजन इकाई को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों से उस अवगत कराए। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया कि वह छह सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर कर बताएं कि एजेंसी कितने मामलों में निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों में आरोपियों को दोषी साबित कराने में सफल रही है। इसने कहा कि सीबीआई निदेशक बताएं कि श्रमशक्ति, अवसंरचना सुविधाओं की कमी और जांच गुणवत्ता जैसे मुद्दों के समाधान के लिए क्या कदम उठाए गए हैं या कौन से कदम प्रस्तावित हैं।न्यायालय ने यह निर्देश सीबीआई द्वारा एक मामले में दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिया। अपील 542 दिन के विलंब से दायर की गई थी।
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