पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आज कोलकाता में बुलाई गई एक रैली में हिस्सा लेंगी। वहीं, राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरने के ममता बनर्जी के निर्णय की आलोचना की और कहा कि वह असंवैधानिक कार्य करने से बचें।
नागरिकता संशोधन कानून पिछले ही हफ्ते लोकसभा और राज्य सभा से पास हुआ। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी थी।
बहरहाल, ममता ने सोमवार सुबह रैली को लेकर ट्वीट कर बताया, 'एक मेगा रैली आज कोलकाता में होने जा रही है। ये असंवैधानिक सीएबीबिल और एनआरसी के खिलाफ है। ये दोपहर एक बजे से रेड रोड पर बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्ति के पास से शुरू होगा और जोरासानको ठाकुरबाड़ी के पास खत्म होगा।'
ममता ने इस रैली में लोगों को 'शांतिपूर्ण तरीके' से हिस्सा लेने की अपील भी की। इस बीच राज्य के कई हिस्सों में नये नागरिकता कानून पर प्रदर्शन जारी है। राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क मार्ग को प्रदर्शनकारियों द्वारा बंद किये जाने की भी खबरें हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में स्थिति को देखते हुए गुवाहाटी, न्यू अलीपुरद्वार और न्यू जलपाईगुड़ी से पूर्वी क्षेत्र में जाने वाली सभी ट्रेनें भी रद्द की गई हैं।
साथ ही राज्य के छह जिलों मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, नॉर्थ 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के कुछ जिलों में इंटरनेट भी बंद किया गया है।
दूसरी ओर जगदीप धनखड़ ने रविवार को ममता बनर्जी पर लोगों के पैसों को कानून के खिलाफ टीवी प्रचार पर बर्बाद करने का आरोप लगाया। धनखड़ ने कहा कि ममता को ये सबकुछ करने के बजाय राज्य में हो रहे प्रदर्शनों को थामने का उपाय करना चाहिए।
धनखड़ ने कहा, 'सरकार को उस प्रचार पर जल्द कदम उठाना चाहिए। मुझे भरोसा है कि मुख्यमंत्री वो सभी एड वापस ले लेंगी। वे पूरी तरह से असंवैधानिक और पब्लिक फंड का बेजा इस्तेमाल है।'
इस टीवी कैंपेन में दरअसल ममता बनर्जी राज्य के लोगों से शांति बनाये रखने की अपील कर रही हैं। साथ ही वे ये भी भरोसा दिला रही हैं कि नागरिकता संशोधन काननू और एनआरसी पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। धनखड़ ने ममता बनर्जी के इन आरोपों का भी खंडन किया कि वे राज्य में एक समकालिन प्रशासन चला रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री को लोगों में भरोसा लाने के लिए संविधान के अनुसार काम करना चाहिए।