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पश्चिम बंगाल में शिक्षा व्यवस्था ‘राजनीतिक पिंजरे में बंद’, राज्यपाल धनखड़ ने कुलपतियों द्वारा बैठक बहिष्कार पर कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 16, 2020 17:06 IST

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य की हालत खराब है। मैं कुलपतियों के साथ एक बैठक कर विश्वविद्यालयों के समक्ष आ रही परेशानियों के बारे में जानना चाहता था लेकिन उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया।

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ठळक मुद्देपश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों के कुलपति राज्यपाल के साथ प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।नए कानून के मुताबिक राज्यपाल को सभी संचार उच्च शिक्षा विभाग के जरिए करना चाहिए।

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ज्यादातर कुलपतियों द्वारा ऑनलाइन बैठक का बहिष्कार किए जाने पर कहा कि मैं पश्चिम बंगाल में शिक्षा को राजनीतिक पिंजरे में फंसा देख रहा हूं। राज्य में शिक्षा का हाल बहुत ही खराब है। कुलपति बैठक में नहीं आ रहे हैं। उन्हें धमकाया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य की हालत खराब है। मैं कुलपतियों के साथ एक बैठक कर विश्वविद्यालयों के समक्ष आ रही परेशानियों के बारे में जानना चाहता था लेकिन उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया।

कोविड-19 महामारी के बीच शैक्षणिक स्थिति पर चर्चा के लिये राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुधवार को बुलाई गई डिजिटल बैठक में राज्य के 23 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नहीं पहुंचने के एक दिन बाद नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा व्यवस्था ‘राजनीतिक पिंजरे में बंद’ है।

धनखड़ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह बैठक के संबंध में उनके पत्र की अनदेखी कर अनुपस्थित रहने वाले कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगेंगे। सिर्फ एक कुलपति ने राज्यपाल द्वारा बुलाए गए डिजिटल सम्मेलन में हिस्सा लिया। राज्यपाल प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं।

धनखड़ ने कहा कि वह अनुपस्थित रहने वाले कुलपतियों से महामारी के कारण छात्रों के सामने पेश आ रही शैक्षणिक समस्याओं पर भी जानकारी मांगेंगे। संभवत: अधिकतर कुलपतियों के अनुपस्थित रहने के संदर्भ में उन्होंने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के शिक्षा परिदृश्य में इस राजनीतिक रूपी पिजड़े की जकड़न को बढ़ता हुआ देख रहा हूं।” उन्होंने कहा, “कुलपतियों की डिजिटल बैठक बुलाकर मैं विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सामने आ रही समस्याओं का हल करना चाहता था, जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया और कारण सभी जानते हैं।”

पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों के कुलपति राज्यपाल के साथ प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। राज्य से संबद्ध विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने मंगलवार को यह जानना चाहा कि क्या उनका राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ सीधे संवाद स्थापित करना उचित होगा? क्योंकि नए कानून के मुताबिक राज्यपाल को सभी संचार उच्च शिक्षा विभाग के जरिए करना चाहिए।

धनखड़ ने कोरोना वायरस महामारी के कारण छात्रों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने के वास्ते 15 जुलाई को कुलपतियों के साथ डिजिटल बैठक बुलाई है। धनखड़ विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। राजभवन की तरफ से कुलपतियों को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल के कुलपतियों के परिषद ने एक बयान में जानना चाहा कि नियम इस तरह के संवाद की अनुमति देते हैं अथवा नहीं?

परिषद के सचिव सुबीरेश भट्टाचार्य के हस्ताक्षर वाले बयान के मुताबिक, ''कुलपति यह जानने के हकदार हैं कि क्या राज्यपाल और उनके बीच सीधा संवाद 2019 अधिनियम के नियम 8 (5) के अनुसार था?'' पिछले साल राज्य विधानसभा ने एक कानून पारित किया था जो कुलपतियों को उच्च शिक्षा विभाग के परामर्श से अपने सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकायों की बैठक बुलाने का अधिकार देता था और कुलपति को नहीं जैसा कि पहले चलन में था। 

टॅग्स :पश्चिम बंगालममता बनर्जीटीएमसीगृह मंत्रालयभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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