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बीरभूम हिंसा मामले में CBI ने की पहली गिरफ्तारी की, चार लोगों को मुंबई से पकड़ा, पश्चिम बंगाल लाने की तैयारी

By विनीत कुमार | Updated: April 8, 2022 08:14 IST

सीबीआई ने बीरभूम हत्याकांड मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें मुंबई से पकड़ा गया। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है।

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ठळक मुद्देबीरभूम हत्याकांड मामले में सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की, चार आरोपी मुंबई से पकड़े गए।ऐसे आरोप हैं चारों घटना के अगले ही दिन 22 मार्च को मुंबई भाग गए थे, मोबाइल लोकेशन की मदद से पकड़े गए।गिरफ्तारी के बाद मुंबई की एक सत्र अदालत ने सीबीआई को 10 अप्रैल तक की ट्रांजिट रिमांड भी दे दी है।

मुंबई: पश्चिम बंगाल के बीरभूम हत्याकांड में कथित संलिप्तता के मामले में सीबीआई ने मुंबई से चार संदिग्धों को पकड़ा है। सीबीआई ने बोगतुई गांव में पिछले महीने 21 मार्च को हुई घटना के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर जांच संभालने के बाद मामले में पहली गिरफ्तारियां की हैं। चारों आरोपी बीरभूम हत्याकांड के फौरन बाद बोगतुई से मुंबई भाग गये थे। इन्हें गुरुवार तड़के उनके ठिकानों से पकड़ा गया।

ऐसे आरोप है कि ये सभी हत्या वाली रात घटनास्थल पर मौजूद थे। बीरभूम की इस घटना में 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया था जबकि एक शख्स की मौत बाद में हुई थी। मुंबई से पकड़े गए चार आरोपी के नाम- बप्पा एस के उर्फ ​​साल मोहम्मद, साबू एस के उर्फ ​​सदरिल एस के, ताज मोहम्मद उर्फ ​​चांद और सिराजुल एस के उर्फ ​​पोल्टू हैं।

मोबाइल लोकेशन के जरिए आरोपियों तक पहुंची सीबीआई

सामने आई जानकारी के अनुसार सीबीआई ने इन चारों आरोपियों के मोबाइल लोकेश को ट्रैक किया और फिर इनके पास पहुंची। ये सभी 22 मार्च को मुंबई भाग गए थे। बहरहाल, आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मुंबई की एक सत्र अदालत ने सीबीआई को 10 अप्रैल तक की ट्रांजिट रिमांड भी दे दी।

ट्रांजिट रिमांड के तहत किसी जांच एजेंसी को गिरफ्तार व्यक्तियों को दूसरे शहर या राज्य में ले जाने में अनुमति मिलती है। आरोपियों को पश्चिम बंगाल ले जाकर संबंधित अदालत में पेश किया जाएगा। 

कोलकाता हाई कोर्ट में सीबीआई ने पेश की प्राथमिक जांच रिपोर्ट

सीबीआई ने गुरुवार को ही कलकत्ता हाई कोर्ट में मामले से जुड़ी अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट भी पेश की। सूत्रों के अनुसार एजेंसी ने चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ के सामने 'सबूतों को नष्ट किए जाने' का उल्लेख किया है।

सुनवाई के दौरान तृणमूल कांग्रेस के डिप्टी चीफ प्रधान भादु शेख की हत्या का मामला भी सीबीआई को सौंपने की बात उठी। हालांकि बंगाल की सरकार ने तर्क दिया कि राज्य पुलिस उस हत्या की जांच कर रही है और इसमें सीबीआई को कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि मार्च में रामपुरहाट में भादु शेख की हत्या के बाद घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हुई, इसके बाद ही विभत्स घटना हुई जिसमें इलाके में कम से कम आठ घरों में आग लग गई थी और कुल नौ लोगों की मौत हो गई।

टॅग्स :पश्चिम बंगालसीबीआईCalcutta High Court
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