बिहार के रोहतास में नगर पंचायत के बोर्ड पर लिखा गया 'राजा रोहितेश्वर व राजा अकबर की धरती पर स्वागत है', शुरू हुआ विवाद
By एस पी सिन्हा | Updated: September 11, 2024 17:50 IST2024-09-11T17:50:20+5:302024-09-11T17:50:27+5:30
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 119 पर रोहतास नगर पंचायत की सीमा में प्रवेश करने वालों के स्वागत के लिए दोनों तरफ गेट लगाया गया है। लेकिन स्वागत गेट पर लिखा गया है कि राजा रोहितेश्वर व राजा अकबर की धरती पर स्वागत है। बोर्ड पर कुछ झंडे भी लगाए गए थे।

बिहार के रोहतास में नगर पंचायत के बोर्ड पर लिखा गया 'राजा रोहितेश्वर व राजा अकबर की धरती पर स्वागत है', शुरू हुआ विवाद
पटना: बिहार के रोहतास में नगर पंचायत के द्वारा लगाए गए स्वागत बोर्ड को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि विवाद बढ़ता देख पुलिस प्रशासन ने बोर्ड से नाम हटवाकर विवाद को शांत करा दिया है। दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 119 पर रोहतास नगर पंचायत की सीमा में प्रवेश करने वालों के स्वागत के लिए दोनों तरफ गेट लगाया गया है। लेकिन स्वागत गेट पर लिखा गया है कि राजा रोहितेश्वर व राजा अकबर की धरती पर स्वागत है। बोर्ड पर कुछ झंडे भी लगाए गए थे।
इस बोर्ड को लेकर लोगों ने विवाद शुरू कर दिया। आनन फानन में राजा रोहितेश्वर व राजा अकबर की भूमि शब्द को हटाया गया। हालांकि लोगों ने राजा रोहितेश्वर शब्द हटाने पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि इतिहास साक्षी है कि यह राजा रोहितेश्वर की नगरी है। रोहतासगढ़ किला उन्हीं के नाम पर है। इस जिले का नामकरण रोहितेश्वर के नाम पर हुआ है।
मामला बढ़ता देख प्रशासन ने बोर्ड से दोनों नाम को मिटवाकर वहां लगे झंडे आदि भी उतरवा दिया। लोगों का कहना है कि मुगल काल में नाम को बदलने का काम अकबर के शासन में किया गया। इस जगह पर अकबर के आने का इतिहास ही नहीं है। ऐसे में इस तरह का स्लोगन लिखवा कर नगर पंचायत यहां के समृद्ध इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रहा है।
ऐसे में बोर्ड लिखवाने वाले नगर पंचायत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि किसी भी सरकारी स्वागत गेट पर धार्मिक झंडा या बैनर लगाना पूरी तरह गलत है। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कृष्ण स्वरूप ने बताया कि हमें मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद द्वारा निर्देशित किया गया था, जिसके कारण बोर्ड पर राजा अकबर की भूमि लिखी गई।
बैठक में मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद अनुपस्थित रहीं। किसी तरह का बयान देने से भी परहेज बरतीं। वहीं एक जगह बोर्ड पर मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के नाम के पास शरारती तत्वों ने आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया। जिसकी निंदा की गई।