नयी दिल्ली, नौ दिसंबर किसान संगठनों द्वारा सरकार के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के कारण का जिक्र करते हुए किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बुधवार को कहा कि ‘‘हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया।’’
उन्होंने कहा कि मीडिया के एक धड़े में दिखाया जा रहा है कि किसान संगठनों में मतभेद है, लेकिन यह सच नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया। यह सर्वसम्मत फैसला है, ना कि बहुमत का...ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ लोग इस पर सहमत हो, कुछ लोग नहीं हो। अगर सभी संगठनों ने कहा कि कानून को वापस लिया जाना चाहिए तो यह हमारा फैसला है...निजी राय का सवाल ही नहीं उठता है।’’
कक्का ने कहा, ‘‘किसान संगठन के साथ सभी पांच बैठकों में सरकार ने उसी बिंदु पर (प्रस्ताव में वर्णित) विस्तृत चर्चा की। आखिरकार हमने उनसे (सरकार) हां, या ना में जवाब देने को कहा...क्या वे तीनों कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं, एमएसपी की गारंटी देना चाहते हैं, या नहीं । ’’
कक्का ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी यही चीजें कही थीं। किसान नेताओं ने उनसे कहा कि वे उन बिंदुओं पर बात नहीं करना चाहते हैं।
कक्का ने दावा किया, ‘‘जब हमने अमित शाह से पूछा कि सरकार ने तीनों कानून बनाने के पहले किसानों के साथ विचार-विमर्श क्यों नहीं किया, तो उन्होंने माना कि कुछ भूल हुई थी। शाह ने किसान नेताओं से यह भी कहा था कि अगर जरूरत हुई तो सरकार तीनों कानूनों में और संशोधन करने के लिए तैयार है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद उन्होंने हमारे पास सुबह में प्रस्ताव भेजा और उसमें वही बिंदु थे, जिस पर पांच बैठकों में चर्चा हुई थी। इसमें कुछ भी नया नहीं था।
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