महान दस्तावेज में जो लिखा है हमें उसकी मूल भावना से कभी छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिएः बनर्जी
By भाषा | Updated: December 9, 2019 15:29 IST2019-12-09T15:29:29+5:302019-12-09T15:29:29+5:30
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “संविधान सभा की पहली बैठक आज ही के दिन 1946 में हुई थी। भारत का संविधान बनाने वाले संस्थापकों को मेरी श्रद्धांजलि। इस महान दस्तावेज में जो लिखा है हमें उसकी मूल भावना से कभी छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।”

इस हॉल को अब संसद के केंद्रीय कक्ष के तौर पर जाना जाता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संविधान के संस्थापकों को श्रद्धांजलि देते हुए सोमवार को कहा कि किसी को भी संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
आज ही के दिन 1946 में संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। बनर्जी ने ट्वीट किया, “संविधान सभा की पहली बैठक आज ही के दिन 1946 में हुई थी। भारत का संविधान बनाने वाले संस्थापकों को मेरी श्रद्धांजलि। इस महान दस्तावेज में जो लिखा है हमें उसकी मूल भावना से कभी छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।”
संविधान सभा (अविभाजित भारत के लिये निर्वाचित) की पहली बैठक आज ही के दिन 1946 में कॉन्स्टीट्यूशन हॉल में हुई थी। इस हॉल को अब संसद के केंद्रीय कक्ष के तौर पर जाना जाता है।
एनआरसी, कैब के कारण किसी भी नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने देंगे : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) का विरोध करने के लिए विपक्षी दलों का आह्वान करते हुए कहा कि देश के एक भी नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने दिया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सत्ता में रहते बंगाल में कभी एनआरसी और कैब की इजाजत नहीं दिए जाने का आश्वासन देते हुए बनर्जी ने इन्हें एक ही सिक्के के दो पहलू बताया। बनर्जी ने खड़गपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “एनआरसी और कैब को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
हम बंगाल में कभी इसकी इजाजत नहीं देंगे। वे किसी वैध नागरिक को यूं ही देश से बाहर नहीं फेंक सकते या उसे शरणार्थी नहीं बना सकते।” इस रैली का आयोजन उपचुनावों में हाल में पार्टी को मिली जीत को लेकर किया गया था।