वीजा के लिए हम गोरों के सामने नंगा हो सकते हैं लेकिन अपनी सरकार को बायोमीट्रिक्स नहीं दे सकते- केंद्रीय मंत्री
By भारती द्विवेदी | Published: March 25, 2018 02:20 PM2018-03-25T14:20:11+5:302018-03-25T14:20:11+5:30
केंद्रीय मंत्री केजी अल्फोंस ने ये बातें कोच्चि में चल रहे 'प्यूचर ग्लोबल समिट' में बोला है।
नई दिल्ली, 25 मार्च: केंद्रीय पर्यटन तथा सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री केजी अल्फोंस ने आधार को लेकर सरकार पर प्राइवेसी हनन का आरोप लगाने वाले लोगों को लताड़ लगाई है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा है- 'मैंने यूएस वीजा के लिए 10 पेज का फॉर्म भरा है। हमें गोरे लोगों के सामने अपना फिंगर प्रिंट्स देने और नंगा होने में भी कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जब अपनी सरकार अच्छे काम के लिए आपका नंबर और एड्रेस मांगती है तो हम कहते हैं कि ये प्राइवेसी का हनन है।'
केंद्रीय मंत्री ने ये बातें कोच्चि में चल रहे 'प्यूचर ग्लोबल समिट' में बोला है। इसके बाद उन्होंने ये भी कहा कि लोगों की आधार डाटा के लीक होने को लेकर जो चिंताएं हैं, उसे लेकर उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।
I filled up to 10 pages for US Visa form. We have absolutely no problem giving our fingerprints&getting body naked before the white man at all. When your own govt asks for your name&address there is a massive revolution saying it's intrusion in privacy: Union Minister KJ Alphons pic.twitter.com/PymtYRlvI1
— ANI (@ANI) March 25, 2018
डेटा लीक मामले पर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री केजी अल्फोंस ने कहा- 'आपको क्या लगता है कि प्रधानमंत्री आपकी पर्सनल जानकारी प्राइवेट कंपनी को देते हैं? ऐसी फेक न्यूज पर ध्यान ना दें।'
You think Prime Minister is going to give your data to a private company! Don't believe such fake stories: KJ Alphons, Union Minister of State for Electronics and Information Technology in #Trivandrumpic.twitter.com/Zl59ooKOPn
— ANI (@ANI) March 25, 2018
दरअसल लगातार आधार डेटा लीक की खबरें आती हैं , जिसे लेकर हर कोई सरकार पर सवालिया निशाना खड़ा कर रहा है। हाल ही में टेक्नॉलजी न्यूज पोर्टल ZDNet ने सिक्योरिटी रिसर्चर के हवाले से कहा था कि आधार धारकों का डेटा लीक हो रहा है। जिस लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UDIAI) ने बयान जारी करके इस खबर को खारिज किया है। यूडीआईएआई की तरफ से कहा गया कि डेटा लीक की खबर में कोई सच्चाई नहीं है। डेटा सुरक्षा मामले को लेकर 22 मार्च को आधार अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए सफाई भी दी है।