Cloudburst in Uttarakhand Chamoli: उत्तराखंड के अनेक हिस्सों में हो रही मूसलाधार बारिश के बीच चमोली जिले में भूस्खलन की चपेट में आकर एक परिवार के दो सदस्य लापता हो गए, जबकि टिहरी के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान की सूचना है अधिकारियों ने बताया कि चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों में कई स्थानों पर देर रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि चमोली जिले की थराली तहसील के देवाल विकास खंड के मोपाटा गांव में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आ गए। चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मोपाटा में एक मकान और गोशाला के भूस्खलन की चपेट में आने से उसमें रह रहा एक दंपति मलबे में दब गया। उन्होंने बताया कि घटना में एक अन्य दंपति को भी मलबे से बाहर निकाला गया और उन्हें चोटें आयी हैं। गोशाला में बंधे 15-20 मवेशियों के भी मलबे में दबे होने की सूचना है। लापता दंपति की पहचान तारा सिंह और उसकी पत्नी के रूप में हुई है। विक्रम सिंह और उसकी पत्नी घायल हुए हैं। गौरतलब है कि 23 अगस्त को भी थराली तहसील के थराली विकास खंड में आपदा का कहर देखने को मिला था जहां अतिवृष्टि से टूनरी गाड़ बरसाती नाले में बाढ़ के साथ आए मलबे में एक युवती की मृत्यु हो गयी थी और एक अन्य व्यक्ति लापता हो गया था।
मलबा कई मकानों, दुकानों सहित तहसील कार्यालय में भी भर गया जबकि उपजिलाधिकारी का आवास भी क्षतिग्रस्त हो गया था। लगातार बारिश से अलकनंदा और उसकी सहायक नदियों और मंदाकिनी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। पुलिस द्वारा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को मुनादी कर सतर्क किया जा रहा है। चमोली से गुजरने वाले बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों- नंदप्रयाग, कमेड़ा, भनेरपानी, पागलनाला, जिलासू, गुलाबकोटी और चटवापीपल में मलबा आने से अवरूद्ध है। रुद्रप्रयाग जिले में भी बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोबगड़ में बंद है जबकि केदारनाथ राजमार्ग बांसवाड़ा (स्यालसौड़) व कुंड से चोपता के चार अलग-अलग स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन के अनुसार, मार्ग खोलने हेतु संबंधित टीमें मौके पर कार्यरत हैं। यात्रियों से सड़क की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा पर निकलने तथा पुलिस और प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी नवीनतम सूचनाओं पर ध्यान देने का अनुरोध किया गया है।
दूसरी ओर, टिहरी जिले में बृहस्पतिवार देर रात भारी बारिश और बादल फटने से बूढ़ा केदार क्षेत्र के गेंवाली गांव में भारी तबाही की सूचना है। स्थानीय लोगों ने बताया कि घनसाली के बूढ़ा केदार क्षेत्र के गेंवाली गांव में एक शौचालय और घर का आंगन आपदा की भेंट चढ़ गया। सिंचाई विभाग द्वारा पिछले वर्ष आपदा के बाद बनाई गई सुरक्षा दीवार भी मलबे और तेज बारिश की चपेट में आकर बह गई। लगातार हो रही बारिश के कारण बालगंगा, धर्मगंगा और भिलंगना नदियां उफान पर हैं जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गेंवाली के पूर्व ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह राणा ने बताया कि भारी बारिश और बादल फटने से आए मलबे की चपेट में कई मंदिर दब गए । उन्होंने बताया कि कई मवेशियों के भी बहने की आशंका है। आलू के कई खेत भी मलबे से पूरी तरह से नष्ट गए हैं।
घनसाली के भिलंगना क्षेत्र के ठेला गांव में भी तेज बारिश के कारण मयाल गाड़ बरसाती नाले में मलबा आने से इलाके में पुलिया, गूलों (छोटी नहरें) और फसलों को नुकसान की सूचना है। हांलांकि, इसमें किसी जनहानि की सूचना नहीं है। घनसाली के उपजिलाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम को मौके पर भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।