Bihar News Ashok Choudhary: बिहार में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के द्वारा भूमिहार जाति को लेकर दिए गए एक बयान से सूबे की सियासत में उबाल आ गया है। दरअसल, जहानाबाद में अशोक चौधरी ने लोकसभा चुनाव में जदयू की हार का ठीकरा भूमिहार समाज पर फोड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि भूमिहार समाज ने पार्टी को वोट नहीं दिया। अब उन्हें विधानसभा चुनाव में मौका नहीं मिलेगा। इसको लेकर के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने शनिवार को अशोक चौधरी को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि किसी लोकसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार की हार के जाति विशेष को टारगेट करना कभी भी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सिद्धांत नहीं रहा है। वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भूमिहार जाति नहीं एक कल्चर है और यह कल्चर भूमि पर रहने का और भूमि से जुड़ने का, जमीन पर रहने का और जमीनी हकीकत को जानने की ताकत देता है।
उन्होंने अशोक चौधरी का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि जाति की राजनीति करने वाले कभी न जमात के हितैषी हैं और न राष्ट्र के। इस तरह की मानसिकता का कोई भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति नहीं रख सकता है क्योंकि सबकी एक ही जाति है और वो मानवता की है और सब को मानवता की रक्षा करने के लिए काम करना चाहिए।
इस बीच अशोक चौधरी ने सफाई देते हुए कहा कि जहानाबाद में जो टिप्पणी उन्होंने की थी, उससे किसी जाति को आहत करने का कोई मकसद नहीं था। कुछ लोग विरोध में ऐसी बातों को हवा दे रहे हैं। भूमिहार जाति के साथ हमेशा से उनके बेहतर संबंध रहे हैं। भूमिहार जाति से अपने नजदीकी रिश्ते बताते हुए कहा कि मेरे पिता जी को भूमिहार ने पढ़ाया।
अशोक चौधरी ने कहा कि श्री कृष्ण बाबू के कारण मेरे पिता पढ़े। मैं भी भूमिहार की गोद में पला हूं, इसलिए भूमिहार को अपमान करने का आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि अब कुछ बयानवीर लोग हैं जो वोट भले ना दिला पाते हों, लेकिन गलत तरीके से बातों को पेश कर रहे हैं।