लाइव न्यूज़ :

लखनऊ गोलीकांड: प्रशांत ने बगैर ट्रेनिंग के ली थी पिस्टल, रौब झाड़ने को हथ‌ियार रखते हैं सिपाही

By भारती द्विवेदी | Updated: October 5, 2018 11:28 IST

Vivek Tiwari Murder Case (लखनऊ गोलीकांड अपडेट): पुलिस प्रशिक्षण नियमावली के अनुसार हथियार पद के हिसाब से दिया जाता है। सिपाहियों को राइफल दी जाती है। पहले केवल उन्हें 303 बोर राइफल की ट्रेनिंग दी जाती थी।

Open in App

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर:लखनऊ गोलीकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। एसआईटी की जांच में बृहस्पतिवार को अब इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी को पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग नहीं मिली थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उन्हें पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे पेशेवर प्रशिक्षण की कमी बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि साल 2013-2017 के बीच भर्ती किए गए सिपाहियों के लिए रीफ्रेशर कोर्स चलाया जाएगा। ये कोर्स आठ अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। 

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ आरोपी प्रशांत ही नहीं बल्कि लखनऊ के 43 थानों में तैनात लगभग तीन सौ सिपाहियों को पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है। और बिना ट्रेनिंग ही सबको पिस्टल दे दिया गया है। पुलिस प्रशिक्षण नियमावली के अनुसार हथियार पद के हिसाब से दिया जाता है। सिपाहियों को राइफल दी जाती है। पहले केवल उन्हें 303 बोर राइफल की ट्रेनिंग दी जाती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों आधुनिक हथियार मुहैया होने के बाद इंसास, एसएलआर और कार्बाइन चलाने की ट्रेनिंग दी जाने लगी। 

दरोगा, प्रोन्नत हेड कॉन्स्टेबल रैंक वालों को एके-47, एनपी-5, 38 बोर के रिवॉल्वर और 9 एमएम की पिस्टल चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। ये ट्रेनिंग 6 महीनों की होती है, जिसमें अलग-अलग हथियारों की जानकारी के साथ उन्हें चलाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। खबर के अनुसार कंधे पर भारी-भरकम राइफल टांगकर चलने में सिपाहियों को रौब का अहसास नहीं होता है, जिसकी वजह वो रिजर्व पुलिस लाइन्स या थाने के ड्यूटी मुंशी और असलहा इंचार्ज भी 500-1000 हजार रुपये देकर मन मुताबिक हथियार लेते हैं।

गौरतलब है कि, बीते दिनों एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ घर लौट रहे थे। लखनऊ की गोमती नगर में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया। इसके बाद कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी, जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

टॅग्स :लखनऊउत्तर प्रदेशयोगी आदित्यनाथ
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतUP: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में नोएडा पहले और लखनऊ दूसरे स्थान पर, राज्य में दस माह में 1.27 करोड़ लोगों का चालन, इनमें एक भी पुलिसवाला नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत