फिरोज़ाबाद में वायरल बुखार: केंद्रीय टीम ने कहा अधिकतर मामले डेंगू के, कुछ स्क्रब टाइफस के
By भाषा | Published: September 6, 2021 09:44 PM2021-09-06T21:44:03+5:302021-09-06T21:44:03+5:30
नयी दिल्ली, छह सितंबर उत्तर प्रदेश के फिरोज़ाबाद में बुखार के प्रकोप और बच्चों की मौतों की जांच के लिए भेजी गई एक केंद्रीय टीम ने कहा है कि अधिकांश मामले डेंगू के हैं, लेकिन कुछ मामले स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के भी हैं।
फिरोज़बाद जिले में 51 लोगों की बुखार के कारण मौत हुई है जिनमें अधिकतर बच्चे हैं। इस वजह से बीते एक पखवाड़े में सैकड़ों लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा है और अब यह वायरल बुखार पड़ोसी मथुरा और मैनपुरी जिलों में भी फैल गया है।
केंद्रीय टीम की टिप्पणियों के आधार पर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के बुखार के सभी रोगियों की जांच की सिफारिश की है।
भूषण ने ऐलिसा-आधारित परीक्षण सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि केंद्रीय टीम द्वारा प्रस्तुत एक सूक्ष्म योजना के तहत बुखार सर्वेक्षण और वेक्टर नियंत्रण से संबंधित गतिविधियों को जारी रखा जाए।
उन्होंने यह भी सिफारिश की कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में केंद्रीय निगरानी इकाई के समन्वय से जिले में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) को लागू किए जाने के साथ निगरानी को मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के मानक दिशानिर्देशों और एसओपी के अनुसार कीट विज्ञान संबंधी गतिविधियों को मजबूत किया जाना चाहिए और जारी रखा जाना चाहिए। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय और इसी तरह के संस्थानों के संक्रामक रोग विशेषज्ञों की सेवाएं ली ली जा सकती हैं।
भूषण ने पत्र में लिखा है, “राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के अधिकारियों की एक केंद्रीय टीम को बच्चों में बुखार के प्रकोप और मौतों के कारणों की जांच और इस प्रकोप को नियंत्रित करने के वास्ते उपयुक्त सुझाव देने के लिए फिरोजाबाद भेजा गया था।”
उन्होंने कहा, “ केंद्रीय टीम ने पाया है कि अधिकांश मामले डेंगू के हैं, जबकि कुछ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले भी हैं।” उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को जागरूकता गतिविधियों को तेज करना चाहिए।
भूषण ने कहा कि एनसीडीसी ने जिले में 14 दिनों के लिए महामारी इंटेलिजेंस सेवा (ईआईएस) के दो अधिकारियों को तैनात किया है और वे बीमारी के प्रकोप से निपटने में जिला प्रशासन की सहायता करेंगे।
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