मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, राजधानी इंफाल में कर्फ्यू घोषित, सेना भी वापस बुलाई गई

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 22, 2023 05:20 PM2023-05-22T17:20:14+5:302023-05-22T17:22:11+5:30

राज्य की राजधानी इंफाल के न्यू चेकॉन इलाके में मैतेई और कुकी समुदायों का एक वर्ग आपस में भिड़ गया जिसके बाद एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। स्थानीय बाजार में जगह को लेकर झड़प शुरू हुई जो देखते ही देखते हिंसा में बदगल गई। आगजनी की घटनाओं के बाद राजधानी इंफाल में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया।

Violence flares up again in Manipur curfew declared in capital Imphal army also called back | मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, राजधानी इंफाल में कर्फ्यू घोषित, सेना भी वापस बुलाई गई

फाईल फोटो

Highlightsमणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़क उठी हैमैतेई और कुकी समुदायों का एक वर्ग आपस में भिड़ गया राजधानी इंफाल में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया

इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़क उठी है। राज्य की राजधानी इंफाल के न्यू चेकॉन इलाके में मैतेई और कुकी समुदायों का एक वर्ग आपस में भिड़ गया जिसके बाद एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। स्थानीय बाजार में जगह को लेकर झड़प शुरू हुई जो देखते ही देखते हिंसा में बदगल गई। आगजनी की घटनाओं के बाद राजधानी इंफाल में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। 

पहले इंफाल में शाम 4 बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी लेकिन ताजा हिंसा के बाद दोपहर 1 बजे के बाद फिर से लगा दिया गया। स्थिति को देखते हुए  सेना को वापस बुला लिया गया है। मणिपुर करीब एक महीने से कई मुद्दों को लेकर जातीय संघर्ष का गवाह रहा है। इस महीने की शुरुआत में पहाड़ी राज्य में दो समुदायों के बीच झड़प शुरू हुई। 

कुकी आदिवासियों ने 3 मई को मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में एकजुटता मार्च निकाला था। इसके बाद भड़की हिंसा में  70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। करोड़ों की संपत्ति को आग लगा दी गई और हजारों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोगों को सरकार द्वारा आयोजित शिविरों में रहना पड़ा।

हिंसा की शुरुआत आरक्षित  वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने के बाद कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए, जिसके बाद झड़पें हुईं। हालात काबू में करने के लिए सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के करीब 10,000 कर्मियों को तैनात करना पड़ा। 

मणिपुर में 16 जिले हैं और यहां पर 53 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं।  मणिपुर में 42 प्रतिशत कुकी, नागा के अलावा दूसरी जनजाति रहती है। मैतेई समुदाय के लोगों का कहना है कि 1970 के बाद पर यहां कितने रिफ्यूजी आए हैं। इसकी गणना की जाए और यहां पर एनआरसी लागू किया जाए। मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी हिस्से में जमीन नहीं खरीद सकते लेकिन कुकी समुदाय के लोग घाटी के इलाके जहां मैतेई रहते हैं वहां जमीन खरीद सकते हैं। टकराव की एक सबसे बड़ी वजह ये भी है।

Web Title: Violence flares up again in Manipur curfew declared in capital Imphal army also called back

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