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गोरक्षा के नाम पर हिंसा की इजाजत नहीं दे सकती सरकार, संसद बनाए कानून: SC

By स्वाति सिंह | Updated: July 17, 2018 11:11 IST

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सख्त आदेश देते हुए कहा कि वह संविधान के मुताबिक काम करें। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश भी जारी किया है।

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नई दिल्ली, 17 जुलाई: नई दिल्ली, 17 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लिंचिंग को लेकर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कानून पर विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सख्त आदेश देते हुए कहा कि वह संविधान के मुताबिक काम करें। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश भी जारी किया है।  कोर्ट ने अपने फैसले में कहा 'गोरक्षा के नाम पर कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है।  इस तरह की हिंसा के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है।  

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कोर्ट ने कहा 'आज देश भर में गोरक्षा के नाम भीड़ हिंसा हो रही है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस प्रकार के हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।  बता दें कि कोर्ट ने इस फैसले की सुनवाई 3 जुलाई को ही पूरी कर इससे सम्बंधित फैसले को सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह पूरी तरह से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस तरह की हिंसा को किसी भी हालत में रोका जाए।  कोर्ट ने कहा था इस मामले में दोषी पर सख्त कारवाई होनी चाहिए और सजा का भी सख्त मिलनी चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को है।  

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में मॉब लिन्चिंग की एक याचिका दाखिल हुई थी।  इस याचिका में गोरक्षा करने वालों पर बैन की मांग की गई थी।  यह फैसला उसी पर आया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।  कोर्ट ने मॉब लिन्चिंग जैसे अपराध रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है।  

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