विद्यांजलि, निपुण भारत, सांकेतिक भाषा शब्दकोष नये युग की शिक्षा का बनेंगे चेहरा : धर्मेन्द्र प्रधान

By भाषा | Updated: September 7, 2021 18:42 IST2021-09-07T18:42:45+5:302021-09-07T18:42:45+5:30

Vidyanjali, accomplished India, sign language dictionary will become the face of new age education: Dharmendra Pradhan | विद्यांजलि, निपुण भारत, सांकेतिक भाषा शब्दकोष नये युग की शिक्षा का बनेंगे चेहरा : धर्मेन्द्र प्रधान

विद्यांजलि, निपुण भारत, सांकेतिक भाषा शब्दकोष नये युग की शिक्षा का बनेंगे चेहरा : धर्मेन्द्र प्रधान

नयी दिल्ली, सात सितंबर शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सांकेतिक भाषा का 10,000 शब्दों का शब्दकोश, ऑडियो पुस्तकें, सीबीएसई का स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन व मान्यता रूपरेखा (एसक्यूएएएफ), विद्यांजलि पोर्टल, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘निष्ठा’ शानदार पहल हैं और ये सभी भारत के नये युग की शिक्षा का चेहरा बनेंगे।

शिक्षा पर्व के तहत आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि विद्यांजलि 2.0 लोगों की सहभागिता बढ़ाते हुए हमारे स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि विद्यांजलि 2.0 ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ सबका प्रयास के संकल्प को एक मंच प्रदान करेगा ।

उन्होंने कहा कि स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन एवं आश्वासन ढांचा हमारे पाठ्यक्रम, पठन पाठन के तरीके, मूल्यांकन, आधारभूत ढांचे, समावेशी पहल और शासन प्रक्रिया जैसे विविध आयामों में एक साझा वैज्ञानिक ढांचे की कमी को दूर करेगा ।

प्रधान ने कहा कि ऑडियो पुस्तक और भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोष दृष्टिबाधित और श्रव्य बाधित लोगों को फायदा पहुंचायेगा और यह समावेशी एवं समतामूलक शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह शब्दकोष भारतीय सांकेतिक भाषा के 10,000 शब्दों को कोष है जिसे भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ने तैयार किया है। यह भारतीय सांकेतिक भाषा को एक विषय के तौर पर पढ़ाने में मदद करेगा ।

वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने दृष्टि बाधित बच्चों के लिये ऑडियो स्वरूप में बोलती पुस्तके तैयार की हैं ।

शिक्षा मंत्री ने शिक्षा पर्व के अवसर पर नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कई विविध और महत्वपूर्ण पहलों की शुरूआत करने एवं शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने के लिए समय-समय पर किए गए प्रयासों में मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।

देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता और सतत सुधारों के नवीन तरीक़ों को प्रोत्साहित करने के लिये 5-17 सितंबर तक शिक्षा पर्व मनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इसकी शुरूआत करते हुए दृश्‍य-श्रव्‍य बाधित लोगों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा कोष और ऑडियो पुस्‍तक का विमोचन भी किया । उन्हेंने केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड की स्‍कूल गुणवत्‍ता आश्‍वासन और आकलन रूपरेखा भी जारी की और साथ ही निपुण भारत के लिए निष्‍ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा विद्यांजलि पोर्टल भी शुरू किए।

यह पोर्टल शिक्षा क्षेत्र के स्‍वयंसेवकों, दानदाताओं और कारपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व - सीएसआर योगदान करने वालों की सुविधा बढा़एगा।

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