हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को खाप पंचायतों के फैसले का बचाव किया है। खाप पंचायत के समर्थन में सीएम ने दावा किया कि एक ही गोत्र के लोगों के बीच विवाह की अनुमति न देने के खाप पंचायत के फैसले का वह समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि एक ही गोत्र में शादी नहीं करने का पंचायत का फैसला के पीछे वैज्ञानिक कारण है।
यह देखा गया है कि हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों के गांवों में खाप या दूसरे सामुदायिक संगठन, अक्सर, अर्ध-न्यायिक निकायों के रूप में कार्य करते हैं, जो रीति-रिवाजों और परंपराओं के आधार पर कठोर दंड का भी सुनाते हैं।
इसी तरह के मामले को लेकर खट्टर ने पंचकुला में कहा, “कुछ लोगों ने खाप पंचायतों को बदनाम करने की कोशिश की है। लेकिन, उनका एक सिद्धांत है कि एक गांव के भीतर विवाह नहीं होना चाहिए। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि एक गोत्र के अंदर विवाह नहीं किए जाने चाहिए। ”
इसके आगे खट्टर ने कहा कि अगर बहन और भाई का संबंध गाँव के भीतर, या आस-पास के गाँवों और खापों के भीतर होता है तो निश्चित रूप से समाज पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'ये साइंटिफिकली भी प्रूव हो गया है कि सगोत्र विवाह नहीं होना चाहिए। गांव के गांव में शादी न करें, इसका अर्थ ये है कि गांव के अंदर बच्चों में ये शिक्षा दी जाती है कि भाई-बहन का भाईचारा बना रहे। गुजरात एक ऐसा राज्य है, उस स्टेट में हर लड़की और महिला, उसके नाम के आगे क्या लगता है, बहन लगता है और हर पुरुष और लड़के के नाम के आगे भाई लगता है। इसका अर्थ क्या है, उन्होंने अपनी एक सामाजिक परंपरा बना रखी है।'