उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज किया CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस का महाभियोग प्रस्ताव
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 23, 2018 10:03 AM2018-04-23T10:03:16+5:302018-04-23T10:26:12+5:30
उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उप-राष्ट्रपति ने प्रस्ताव खारिज करने के लिए कांग्रेस द्वारा महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने के बाद प्रेम कांफ्रेंस करने को एक वजह बताया है।
उप-राष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस समेत सात राजनीतिक दलों द्वारा लाया गया महाभियोग प्रस्ताव सोमवार (23 अप्रैल) को खारिज कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, "महाभियोग प्रस्ताव के तहत लगाए गए सभी पाँच अभियोगों पर मैंने विचार किया और उसके साथ संलग्न दस्तावेज का अध्ययन किया। महाभियोग प्रस्ताव में लगाए गए आरोप इस योग्य नहीं हैं कि उनसे ये निर्णय लिया जाए कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को खिलाफ कदाचार का दोषी ठहराया जा सके।"
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उप-राष्ट्रपति ने महाभियोग प्रस्ताव के लिए नोटिस देने के बाद कांग्रेस द्वारा प्रेस वार्ता करने को भी गलत बताया है। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने मीडिया से कहा, "ये बहुत महत्वपूर्म मसला है। हमें अभी इसके खारिज किए जाने का कारण नहीं पता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस पर कानून के जानकारों से बात करेंगे और अगला कदम उठाएंगे।"
महाभियोग प्रस्ताव: भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर कांग्रेस ने लगाए हैं ये पाँच आरोप
कांग्रेस समेत सात राजनीतिक दलों के 71 राज्य सभा सांसदों के हस्ताक्षर के साथ शुक्रवार (20 अप्रैल) को उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के समक्ष महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस दी थी। जिन 71 सांसदों के महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हैं उनमें से सात रिटायर हो चुके हैं। महाभियोग प्रस्ताव में कांग्रेस ने भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर पाँच आरोप लगाए थे। महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं।
Vice President M Venkaiah Naidu rejects the Impeachment Motion against CJI Dipak Misra. pic.twitter.com/Bz53ikvAwh
— ANI (@ANI) April 23, 2018
कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया था कि गर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ठुकराते हैं तो पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है। पार्टी के एक नेता ने कहा , ‘‘ सभापति के फैसले को चुनौती दी जा सकती है। इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस उम्मीद के साथ प्रधान न्यायाधीश पर ‘ नैतिक दबाव ’ बना रही है कि महाभियोग प्रस्ताव पेश किए जाने पर वह अपने न्यायिक उत्तरदायित्व से अलग हो जाएंगे।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पहले भी महाभियोग का सामना करने वाले न्यायाधीश न्यायिक कार्य से अलग हुए थे और प्रधान न्यायाधीश को भी यही करना चाहिए। उन्होंने कहा , ‘‘ यह सिर्फ परिपाटी है , इसके लिए कोई कानूनी या संवैधानिक बाध्यता नहीं है।" कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने रविवार (22 अप्रैल) को मीडिया से कहा था कि उप-राष्ट्रपति के पास महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस की पात्रता पर रद्द करने का आधिकार नहीं होता, वो केवल इसकी प्रक्रिया पर विचार कर सकते हैं और इस याचिका पर जजेज (इनक्वायरी) एक्ट के तहत फैसला लिया जाता है। सिब्बल के अनुसार उप-राष्ट्रपति तभी नोटिस वापस कर सकते हैं जब उसपर 50 राज्य सभा सांसदों का दस्तखत न हो या उसमें लगाए गए आरोप संविधान के प्रावधानों के अनुरूप न हों।