विहिप ने राम मंदिर जागरूकता रैलियों पर पथराव के पीछे पीएफआई का हाथ होने का संदेह जताया
By भाषा | Published: January 1, 2021 07:58 PM2021-01-01T19:58:01+5:302021-01-01T19:58:01+5:30
इंदौर, एक जनवरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए पश्चिमी मध्यप्रदेश में निकाली गईं वाहन रैलियों पर पथराव और उपद्रव का मामला तूल पकड़ रहा है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इन हिंसक घटनाओं के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नाम के संगठन की साजिश होने का संदेह जताया है।
विहिप के मालवा प्रांत (इंदौर-उज्जैन संभाग) के सचिव सोहन विश्वकर्मा ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, "राम मंदिर की रैलियों पर पथराव और उपद्रव की घटनाएं साजिश के तहत सामने आई हैं। इसमें पीएफआई की भूमिका हो सकती है।"
विश्वकर्मा ने पीएफआई को "प्रतिबंधित संगठन सिमी का बदला हुआ रूप" बताते हुए दावा किया कि मालवा अंचल में पीएफआई सक्रिय हो रहा है।
उन्होंने कहा, "जिस प्रकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे लोगों को गुप्त रूप से धन मुहैया कराया गया था, उसी तरह राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में बाधा खड़ी करने के लिए पश्चिमी मध्यप्रदेश में साजिश के तहत पथराव कराया जा रहा है।"
विश्वकर्मा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर जागरूकता फैलाने के अभियान को निशाना बनाते हुए पिछले 10 दिनों में उज्जैन, इंदौर, मंदसौर और खरगोन जिलों में हिंसा की अलग-अलग घटनाएं सामने आई हैं।
मीडिया से बातचीत से पहले, विहिप के प्रतिनिधिमंडल ने शहर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और उन्हें इन हिंसक घटनाओं के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
चौहान, वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (जीएचटीसी-भारत) के "लाइट हाउस प्रोजेक्ट" के तहत आयोजित कार्यक्रम में इंदौर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शामिल हुए।
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