रमानी मामले में फैसला अन्य महिलाओं को भी उत्पीड़न के खिलाफ बोलने की हिम्मत देगा: कार्यकर्ताओं ने कहा

By भाषा | Updated: February 17, 2021 19:41 IST2021-02-17T19:41:01+5:302021-02-17T19:41:01+5:30

Verdict in Ramani case will dare other women to speak out against oppression: activists said | रमानी मामले में फैसला अन्य महिलाओं को भी उत्पीड़न के खिलाफ बोलने की हिम्मत देगा: कार्यकर्ताओं ने कहा

रमानी मामले में फैसला अन्य महिलाओं को भी उत्पीड़न के खिलाफ बोलने की हिम्मत देगा: कार्यकर्ताओं ने कहा

नयी दिल्ली, 17 फरवरी पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी करने के अदालत के फैसले का कार्यकर्ताओं, वकीलों और अन्य लोगों ने स्वागत किया है तथा कहा है कि यह निर्णय अन्य महिलाओं को भी उत्पीड़न के खिलाफ बोलने की हिम्मत देगा।

उल्लेखनीय है कि रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसपर अकबर ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को रमानी को बरी करते हुए कहा कि किसी भी महिला को यहां तक कि दशकों बाद भी किसी भी मंच के समक्ष अपनी शिकायतें रखने का अधिकार है।

ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमंस एसोसिएशन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि अदालत का निर्णय महिलाओं को सशक्त करनेवाला है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘शाबाश, प्रिया रमानी। आपका उत्पीड़न करनेवाले ने आपके खिलाफ मुकदमा कर दिया लेकिन आप दोषमुक्त साबित हुईं। निर्णय महिलाओं को सशक्त करता है। हमें समझना चाहिए कि हो सकता है कि कई बार मानसिक आघात के चलते पीड़िता वर्षों तक न बोले, लेकिन उसे यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने पर दंडित नहीं किया जा सकता।’’

‘पीपुल अगेंस्ट रेप इन इंडिया’ नामक संगठन की प्रमुख योगिता भयाना ने पीटीआई-भाषा से कहा कि फैसला अन्य महिलाओं को भी आगे आने की हिम्मत देगा।

उच्चतम न्यायालय की वकील करुणा नंदी ने कहा कि इस ‘मी टू’ विजय ने जनहित में बोले गए सच के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टांत स्थापित किया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बधाई प्रिया रमानी, गजाला और उन सभी को, जिन्होंने आवाज उठाई। इस मी टू विजय ने जनहित में बोले गए सच के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टांत स्थापित किया है।’’

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने फैसले को महिलाओं के लिए एक बड़ी जीत करार दिया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रिया रमानी और रेबेका जॉन के नेतृत्व वाली उनकी काबिल कानूनी टीम को बधाई। यह महिलाओं के लिए एक बड़ी जीत है। यह मी टू आंदोलन के लिए एक बड़ी जीत है।’’

सोशल मीडिया पर अन्य लोगों ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है और इसे महिलाओं के लिए एक बड़ी जीत करार दिया है।

रमानी ने 2018 में ‘मी टू’ आंदोलन के मद्देनजर अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिसके चलते उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

अकबर ने जवाब में रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।

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Web Title: Verdict in Ramani case will dare other women to speak out against oppression: activists said

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