ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की पूजा और मुसलमानों के प्रवेश निषेध पर अदालत 14 नवंबर को सुनाएगी फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 8, 2022 01:10 PM2022-11-08T13:10:19+5:302022-11-08T13:13:10+5:30

वादी किरण सिंह ने 24 मई को वाद दाखिल किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया था। बाद में 25 मई को जिला अदालत के न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने मुकदमे को फास्ट ट्रैक अदालत अदालत में स्थानांतरित कर दिया था।

varanasi Court to delever verdict on November 14 on worship of Shivling and prohibition of entry of Muslims in Gyanvapi complex | ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की पूजा और मुसलमानों के प्रवेश निषेध पर अदालत 14 नवंबर को सुनाएगी फैसला

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की पूजा और मुसलमानों के प्रवेश निषेध पर अदालत 14 नवंबर को सुनाएगी फैसला

Highlightsअदालत के न्यायाधीश के छुट्टी पर होने की वजह से अब फैसला 14 नवंबर को सुनाया जाएगा। गुरु नानक जयंती की छुट्टी होने की वजह से इसे 14 नवंबर तक के लिये टाल दिया गया है।

वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा—अर्चना की अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर अदालत ने आज फैसला नहीं सुनाया। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। याचिका में परिसर में मुसलमानों के प्रवेश निषेध का आदेश देने का आग्रह भी किया गया था।  वाराणसी की फास्ट ट्रैक अदालत याचिका की पोषणीयता (सुनवाई करने या नहीं करने) पर अब 14 नवंबर को फैसला सुनायेगी। इससे पहले, अदालत द्वारा इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाये जाने की सम्भावना थी लेकिन गुरु नानक जयंती की छुट्टी होने की वजह से इसे 14 नवंबर तक के लिये टाल दिया गया है।

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता सुलभ प्रकाश ने बताया कि अदालत के न्यायाधीश के छुट्टी पर होने की वजह से अब फैसला 14 नवंबर को सुनाया जाएगा। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि वाराणसी की फास्ट ट्रैक अदालत में दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) महेंद्र पांडेय ने इस मामले में 27 अक्टूबर को अपनी सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की पोषणीयता पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

गौरतलब है कि वादी किरण सिंह ने 24 मई को वाद दाखिल किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया था। बाद में 25 मई को जिला अदालत के न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने मुकदमे को फास्ट ट्रैक अदालत अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। वादी ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश निषेध, परिसर हिंदुओं को सौंपने के साथ ही परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित पूजा—अर्चना करने का अधिकार देने का अनुरोध किया है।

इससे पहले, इसी साल मई में दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी—श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था। इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति पायी गयी थी। हिन्दू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताते हुए कहा था कि इसके साथ ही आदि विश्वेश्वर प्रकट हो गये हैं। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने इसे फौव्वारा बताते हुए दलील दी थी कि मुगलकालीन इमारतों में ऐसे फौव्वारे मिलना आम बात है।

Web Title: varanasi Court to delever verdict on November 14 on worship of Shivling and prohibition of entry of Muslims in Gyanvapi complex

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