Uttarkashi Tunnel Rescue: फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीर आई सामने, वर्टिकल ड्रिलिंग करके उन तक पहुंचने की कोशिश जारी

By आकाश चौरसिया | Published: November 21, 2023 10:29 AM2023-11-21T10:29:31+5:302023-11-21T10:46:06+5:30

कैमरे के जरिए सिल्क्यारा टनल में फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई है, अब रैस्कयू टीम उन सभी श्रमिकों से सीधे संपर्क साध रही है। वहीं, फंसे हुए श्रमिकों ने रैस्कयू टीम को बताया कि वह सकुशल और स्वस्थ हैं।

Uttarkashi Tunnel Rescue First picture of trapped workers surfaced efforts continue to reach them by vertical drilling | Uttarkashi Tunnel Rescue: फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीर आई सामने, वर्टिकल ड्रिलिंग करके उन तक पहुंचने की कोशिश जारी

फोटो क्रेडिट- (एएनआई)

Highlightsउत्तरकाशी में चल रहे बचाव कार्य का आज 10 वां दिन है, जहां सिलक्यारा सुरंग ढह गई थीअब रैस्क्यू टीम एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक पहुंच बनाईअब उन्हें खाद्य सामग्री भेजी जा रही है

नई दिल्ली: उत्तरकाशी में चल रहे बचाव कार्य का आज 10 वां दिन है, जहां सिल्क्यारा सुरंग ढह गई थी। अब रैस्क्यू टीम और उनके अधिकारियों ने पहली बार पाइपलाइन में एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक पहली बार अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रहे हैं। 

कैमरे के जरिए सिल्क्यारा टनल में फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई है, अब रैस्कयू टीम उन सभी श्रमिकों से सीधे संपर्क साध रही है। वहीं, फंसे हुए श्रमिकों ने रैस्कयू टीम को बताया कि वह सकुशल और स्वस्थ हैं। टनल के अंदर भेजी गई पाइपलाइन में  एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के जरिए अब हरेक श्रमिक के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। 

अब टनल के ऊपर स्थित पहाड़ के ऊपरी हिस्से से मशीन द्वारा वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। यह सब तब हो रहा है, जब टनल में 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। वहीं, इस मशीन को लाने में 13 घंटे और 3 गाड़ियों की मदद ली गई है। इस बात की जानकारी ड्रिलिंग मशीन के ड्राइवर हरबांज ने दी है। 

सोमवार को 6 इंच की पाइपलाइन को टनल के ढहे हिस्से के जरिए फंसे हुए श्रमिकों तक भेजने की कोशिश की जा रही थी। इसके साथ ही हादसे के बाद पहली बार पाइपलाइन के जरिए अब श्रमिकों तक खिचड़ी भी पहुंचाई गई है। बता दें कि हादसा 12 नवंबर को निर्माणाधीन टनल में हुआ, यह उस तरफ हुआ जहां से सिल्कयारा से बारकोट जाने का रास्ता बनाया जा रहा है।

इसमें सुरंग पर सिल्कयारा की ओर 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने से 41 मजदूर फंस गए। फंसे हुए श्रमिकों की मानें तो 2 किलोमीटर के दायरे में निर्माधीन टनल के हिस्से में फंसे हुए हैं। इसी हिस्से से कंप्रेसर पाइपलाइन के जरिए फंसे हुए श्रमिकों को पानी, खाना, दवाईयां और बिजली की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।  

सोमवार को रैस्कयू ऑपरेशन इनचार्ज कर्नल दीपक पाटिल ने कहा था कि मुख्य चुनौती यह है कि 900 मिमी पाइप के माध्यम से फंसे हुए लोगों को निकालना। इसके बाद ही उन सभी को सारी सुविधा दी जा सकती है और यह सबकुछ पाइपलाइन के जरिए भेजा जाएगा। उन्होंने ये भी बताया था कि उन तक पहुंचाने के लिए प्लास्टिक सिलेंडर, खिचड़ी, दलिया, सेब और केले हैं, जिन्हें श्रमिकों तक पहुंचाना है।

Web Title: Uttarkashi Tunnel Rescue First picture of trapped workers surfaced efforts continue to reach them by vertical drilling

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