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Uttarakhand UCC: 'बहुविवाह-बाल विवाह प्रतिबंधित, सभी धर्मों में लड़कियों के विवाह की आयु समान होगी', जानिए इसमें क्या हैं विशेषताएं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 5, 2024 11:39 IST

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूसीसी के लिए बनी हाईलेवल कमेटी की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है।

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ठळक मुद्देउत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को पास कर दिया हैधामी सरकार ने यूसीसी के लिए बनी हाईलेवल कमेटी की सिफारिशों को मंजूर कर लिया हैउत्तराखंड सरकार 6 फरवरी को विधानसभा के पटल पर यूसीसी विधेयक को पेश करेगी

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने बीते रविवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को पास कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूसीसी के लिए बनी हाईलेवल कमेटी की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है।

सूबे के सभी नागरिकों पर कानून को समान रूप से लागू करने के लिए दी गई कमेटी के रिपोर्ट को सरकार 6 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा में पेश करेगी।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार राज्य सरकार द्वारा यूसीसी के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी की ओर से दी गई अनुशंसा का उद्देश्य नागरिक कानूनों के विभिन्न पहलुओं में समानता और स्थिरता लाना है।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किये गये यूसीसी विधेयक में बेटे और बेटी दोनों के लिए संपत्ति में समान अधिकार सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किये जाने वाले इस विधेयक में वैध और नाजायज बच्चों के बीच के अंतर को भी खत्म करना है।

सभी बच्चों को माता-पिता के जैविक संतान के रूप में पहचाना जाएगा। वहीं गोद लिए गए और सरोगेसी से पैदा हुए या अन्य तकनीक के माध्यम से पैदा हुए बच्चों को यूसीसी में समान स्तर पर माना जाएगा।

इसके अलावा यह विधेयक किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पति या पत्नी और बच्चों को समान संपत्ति अधिकार मिलेंगे और इसके अतिरिक्त मृत व्यक्ति के माता-पिता को भी समान अधिकार मिलेंकगे। पिछले कानून में केवल मां को मृतक की संपत्ति पर अधिकार था।

धामी सरकार की ओर कहा गया है कि इस विधेयक का उद्देश्य नागरिकों के बीच समान कानूनी संरचना स्थापित करना है, जो राज्य के सभी नागरिकों को उनके धर्म के इतर विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों में समानता और स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

रिपोर्टों के अनुसार विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अन्य प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध, सभी धर्मों में लड़कियों के लिए एक समान विवाह योग्य आयु और तलाक के लिए समान आधार पर प्रक्रियाओं को लागू करना शामिल है।

टॅग्स :उत्तराखण्डसमान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड)
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