उत्तराखंड: विधानसभा में ‘अभद्र टिप्पणी’ कर फंसे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया इस्तीफा
By रुस्तम राणा | Updated: March 16, 2025 19:35 IST2025-03-16T19:35:00+5:302025-03-16T19:35:00+5:30
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अग्रवाल ने यहां मुख्यमंत्री आवास में पुष्कर सिंह धामी से भेंटकर अपना इस्तीफा सौंपा।

उत्तराखंड: विधानसभा में ‘अभद्र टिप्पणी’ कर फंसे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया इस्तीफा
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में ‘पहाड़-मैदान’ को लेकर ‘अभद्र टिप्पणी’ करने के कारण पिछले काफी समय से विरोध का सामना कर रहे संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्रीप्रेम चंद अग्रवाल ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अग्रवाल ने यहां मुख्यमंत्री आवास में पुष्कर सिंह धामी से भेंटकर अपना इस्तीफा सौंपा।
होली से पूर्व मुख्यमंत्री धामी दिल्ली गए थे और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं से इस मसले पर मुलाकात की थी और माना जा रहा था कि जल्द ही अग्रवाल से इस्तीफा मांगा जा सकता है। हाल में राज्य विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने अग्रवाल के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिस पर भड़कते हुए मंत्री ने कहा था कि क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ के लिए बना है और क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन किया था कि पहाड़ी और देसी (मैदानी) को लेकर टिप्पणियां की जाएं।
इस दौरान अग्रवाल ने अपशब्द भी कह दिया था। अग्रवाल की टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया से लेकर प्रदेश में सड़कों तक प्रदर्शन हुआ और उनके पुतले फूंके गए। मुख्य विपक्षी कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने अग्रवाल को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने की जोरदार मांग की थी। हाल में प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी कई प्रमुख संगठनों ने अग्रवाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर जोरदार रैली निकाली थी।
उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सीएम धामी को सौंपा इस्तीफा
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) March 16, 2025
बीते दिनों बजट सत्र के दौरान सदन में पहाड़ी समुदाय के लोगों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी देने के बाद से लगातार उनके इस्तीफे की मांग हो रही थी।
उन्होंने पहले प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी और इसके बाद… https://t.co/HsS3gmsjaWpic.twitter.com/CDXsXHQscA
इससे पहले, अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद जताया था जबकि प्रदेश इकाई नेतृत्व ने उन्हें तलब कर सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली का प्रयोग करने की कड़ी हिदायत दी थी।