भाई के शव को कंधों पर लादकर भटका रहा युवक, अस्पताल ने स्ट्रेचर और एंबुलेंस देने से किया मना
By रामदीप मिश्रा | Published: May 4, 2018 02:35 PM2018-05-04T14:35:42+5:302018-05-04T14:35:42+5:30
बिजनौर जिले के धामपुर में फलों की ठेली लगाने वाले पंकज का छोटा भाई सोनू हलवाई की दुकान में काम करता था। वह फेफड़ों में इंफेक्शन की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था।
देहरादून, 4 मईः उत्तराखंड सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की एक तस्वीर उस समय देखने को मिली जब स्ट्रेचर और एंबुलेंस न मिलने के बाद युवक ने अपने मृतक भाई का शव कंधे पर ढोया। इस घटना से इंसानियत शर्मसार हो गई और जिस किसी ने भी देखा वह हैरान रह गया। हालांकि मामला सामने आने के बाद सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह स्वतः संज्ञा लिया है।
खबरों के अनुसार, बिजनौर जिले के धामपुर में फलों की ठेली लगाने वाले पंकज का छोटा भाई सोनू हलवाई की दुकान में काम करता था। वह फेफड़ों में इंफेक्शन की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। उसे देहरादून के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल से भर्ती कराया गया था, जहां उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद मृतक के भाई ने शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग की, जिस पर उसने एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए पांच हजार रुपए की मांग रखी।
रुपए नहीं होने की वजह से अस्पताल प्रशासन बिना स्ट्रेचर के शव उठाने के लिए कह दिया। हालांकि परिजन बार-बार स्ट्रेचर की मांग करते रहे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक भी नहीं सुनी। इसके बाद मृतक का भाई शव कंधे पर उठाकर हॉस्पिटल से रोड तक लेकर आया और मुक्तिधाम तक ले गया।
इस मामले पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीन पर तानाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य सचिव को रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, बताया जा रहा है कि तंगी से जूझ रहे परिवार के पास मृतक के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए भी पैसे नहीं थे, लेकिन कुछ लोगों ने उनकी मदद की, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार हो सका।