नियमों को ताक पर रखकर देहरादून में ही 22 साल से तैनात हैं सीएम रावत की टीचर पत्नी, RTI में खुलासा
By आदित्य द्विवेदी | Published: June 30, 2018 06:18 PM2018-06-30T18:18:18+5:302018-06-30T18:35:47+5:30
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जनता दरबार में एक महिला अपनी ट्रांसफर की अर्जी लेकर गई है। बहस के बाद सीएम ने उनका निलंबन और बर्खास्त करने के आदेश दे दिए थे।
देहरादून, 30 जूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी सुनीता रावत का पिछले 22 साल में किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर नहीं किया गया है। इस दौरान 2008 में उनका प्रमोशन भी हुआ उसके बावजूद वो देहरादून में ही तैनात हैं। आरटीआई के जवाब में इसका खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण शर्मा ने बताया कि सीएम रावत की पत्नी ने 1996 में देहरादून के अजबपुर कालन स्कूल ज्वॉइन किया था। उन्होंने बताया कि यह सूचना निकालने में बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। बता दें कि जिस वक्त सुनीता रावत का प्रमोशन किया गया उस समय उत्तराखंड में बीजेपी के बीसी खंडूरी मुख्यमंत्री थे।
आरटीआई पर शिक्षा विभाग से मिले जवाब ने मुख्यमंत्री रावत को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 'जनता मिलन' कार्यक्रम में शिक्षिका उत्तरा के सवालों और बात करने के तरीके से नाराज होते हुए उन्हें तुरंत निलंबित करने और हिरासत में लेने के आदेश दिये थे जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और हिरासत में ले लिया गया था। उनके खिलाफ पुलिस ने शांति भंग के तहत चालान कर दिया था। हालांकि, कल शाम को ही उन्हें सिटी मजिस्टेट की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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An RTI query filed by RTI activist Praveen Sharma revealed that #Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat's wife Sunita Rawat is posted in a school in Dehradun's Ajabpur Kalan since 1996 even after she received a promotion in 2008. https://t.co/bJeFfibHNu
— ANI (@ANI) June 30, 2018
57 वर्षीय उत्तरा के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह बहुत दुखी हैं और कल शाम से ही रो रही हैं। वर्ष 2015 में अपने पति की मृत्यु के बाद से ही वह परेशान चल रही थीं और अपने स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक अपनी गुहार लगा चुकी हैं। कल भी उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने यही सवाल उठाया था। उत्तरा उत्तरकाशी जिले के नौगांव में प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं।
समर्थन में उतरा शिक्षक संघ
शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत प्रकरण के एक दिन बाद आज उत्तराखंड राजकीय राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि शिक्षिका के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध अधिकारियों से किया जाएगा। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षा संघ के महासचिव दिग्विजय सिंह चौहान ने कहा कि संघ इस प्रकरण को लेकर अधिकारियों से वार्ता करने का प्रयास करेगा और अनुरोध करेगा कि उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई न की जाये।
चौहान ने कहा कि शिक्षिका 25 वर्षों से दुर्गम स्थान पर कार्यरत हैं और विधवा भी हैं, इसलिए उनकी स्थानांतरण की मांग जायज है जिसे सुना जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षिका द्वारा अपनी मांग के लिए मुख्यमंत्री के सामने प्रयोग की गयी ‘अमर्यादित भाषा’ का वह कतई समर्थन नहीं करते।
मुख्यमंत्री के ‘जनता मिलन’ कार्यक्रम में शिक्षिका और मुख्यमंत्री रावत के बीच संवाद का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें शिक्षिका के बात करने के तरीके से नाराज होकर मुख्यमंत्री उन्हें निलंबित करने और हिरासत में लेने का आदेश देते हुए देखे जा सकते हैं।
कांग्रेस ने की निलंबन समाप्ति की मांग
शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत प्रकरण के विरोध में आज उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश भर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पुतले फूंके तथा उनसे महिला से अपने व्यवहार के लिए माफी मांगने, उनका निलंबन समाप्त करने तथा अपनी शिक्षिका पत्नी का स्थानांतरण भी दुर्गम क्षेत्र में करने की मांग की।
PTI-Bhasha Inputs
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