उत्तर प्रदेश: कानपुर हिंसा के 12 आरोपियों के मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार

By राजेंद्र कुमार | Updated: October 12, 2024 18:37 IST2024-10-12T18:36:53+5:302024-10-12T18:37:08+5:30

सरकार का यह फैसला तीन साल पहले वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हिंसा भड़काने का मुकदमा को वापस लेने की तर्ज पर लिया गया है। इस मामले में सभी 12 आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े थे।

Uttar Pradesh: Yogi government will withdraw cases against 12 accused of Kanpur violence | उत्तर प्रदेश: कानपुर हिंसा के 12 आरोपियों के मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश: कानपुर हिंसा के 12 आरोपियों के मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार

लखनऊ: अखिलेश सरकार के शासन के दौरान कानपुर में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प का मुकदमा योगी सरकार वापस लेगी। इस हिंसक झड़प में 32 लोगों के खिलाफ धारा 147 , 153ए, 295ए, 353, 332, 336 समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। सभी 32 आरोपी हिन्दू समुदाय से हैं। अब इनके मुकदमों को वापस लेने का फैसला यूपी सरकार ने लिया है। सरकार का यह फैसला तीन साल पहले वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हिंसा भड़काने का मुकदमा को वापस लेने की तर्ज पर लिया गया है। इस मामले में सभी 12 आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े थे।

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों के अनुसार, कानपुर में साल 2015 में मोहर्रम के जुलूस के दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प हुई थी। इस मामले में हिंदू समुदाय के 32 लोगों को आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। कुछ माह पहले प्रदेश सरकार ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों की जानकारी मांगी थी। इसके बाद शासन स्तर पर आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया गया। फिर गत 8 अक्टूबर को सरकार ने इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र भेजकर संबंधित अदालत में मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया. शासन के निर्देश पर अब संबंधित अदालत में सरकारी वकीलों को याचिका दाखिल कर मुकदमों को वापस लेने के लिए निर्देशित किया गया है। अभी तक इस मामले में आवेदन जमा नहीं किया है। कहा जा रहा जल्दी ही इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

इसलिए हुई थी हिंसक झड़प : 

कानपुर के फजलगंज इलाके में 24 अक्टूबर 2015 को मुहर्रम के जुलूस के दौरान एक धार्मिक पोस्टर कथित तौर पर फाड़े जाने की घटना हुई थी। इसके एक दिन बाद सांप्रदायिक हिंसा हुई। यह हिंसा तेजी से दूसरे इलाकों में भी फैल गई थी। इस कारण इलाके में दो गुटों के बीच पथराव हुआ। फिर गोलीबारी की घटनाएं हुईं। हिंसा में कई लोग घायल भी हुए थे। भारी संख्या में पहुंचे पुलिसबल ने हिंसक झड़प काबू किया। इस मामले में पकड़े गए 32 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किए गए थे। अब इन्हीं मुकदमों के वापस लेने का फैसला यूपी सरकार ने लिया है। इसके पहले भी सूबे की सरकार ने हिंसक झड़प के मामलों को वापस लिया है।

ये मुकदमे वापस लिए गए : 

- साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में जिले की एक अदालत ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 12 नेताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का मुकदमा वापस लेने की मंजूरी दे दी. योगी सरकार ने इस मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया था। 
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 

- साल 2011 में भट्टा परसौल में किसानों के खिलाफ दर्ज हुए दो मुकदमे योगी सरकार के निर्देश पर वापस लिए गए। ये मुकदमे किसान नेता मनवीर तेवतिया समेत कई किसानों पर दनकौर कोतवाली में दर्ज हुए थे। यह प्रकरण वर्ष 2011 में गौतमबुद्धनगर के दनकौर के भट्टा गांव में यमुना एक्सप्रेस वे औधोगिक विकास प्राधिकरण के लिये भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने आंदोलन से जुड़ा था। जिसके चलते 7 मई 2011 को आंदोलन के दौरान पुलिस तथा प्रशासनिक अफसरों और किसानों के बीच झड़प हुई। इसके बाद गोलियां चल गई थी। जिसमें 2 पुलिसकर्मी और दो किसान मारे गए थे। 

- मैनपुरी में 7 मई, 1996 को मतदान केन्द्र के समीप हौओ चुनाव हिंसा में दो लोगों की हत्या हुई थी। इस मामले में 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था। बीते साल सरकार ने 12 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला वापस लेने का फैसला किया।  
 

Web Title: Uttar Pradesh: Yogi government will withdraw cases against 12 accused of Kanpur violence

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