उत्तर प्रदेश: चुनाव से पहले छुट्टा पशुओं की समस्या का निपटारा योगी सरकार
By राजेंद्र कुमार | Published: July 20, 2023 08:19 PM2023-07-20T20:19:14+5:302023-07-20T20:24:33+5:30
सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के प्रस्तावित बजट में 5 गुना बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना का प्रस्तावित बजट 75 करोड़ से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपए किया जा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते छह वर्षों से छुट्टा पशुओं से परेशान करोड़ों किसानों की योगी सरकार अब सुध लेगी और लोकसभा चुनावों के पहले प्रदेश में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना का विस्तार करेगी। सरकार का मानना है कि उक्त योजना को प्रदेश भर में लागू कर किसानों की फसलों को छुट्टा पशुओं से बचाया जा सकेगा। इस सोच के तहत योगी सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के प्रस्तावित बजट में 5 गुना बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना का प्रस्तावित बजट 75 करोड़ से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपए किया जा रहा है।
इसके साथ ही सरकार ने सूबे में गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को भी तेज करने का निर्देश दिया है। यूपी में छुट्टा पशु छह करोड़ से अधिक किसानों के लिए बीते छह वर्षों से समस्या बने हुए है। मार्च 2017 में योगी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद अवैध पशु व्यापार और बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए गए फैसले के बाद से किसानों को छुट्टा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए जद्दोहद करनी पड़ रही है, जिसे लेकर अब किसानों में योगी सरकार के प्रति नारजगी बढ़ती जा रही है।
सीएम योगी को भी सूबे के किसानों की नाराजगी की खबर है, जिसके चलते उन्होंने राज्य में पीपीपी मोड में गौशालाओं का निर्माण कराने की योजना शुरू की। इसके अलावा 6 अगस्त, 2019 को प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहायता योजना' शुरू की थी। उक्त योजना के तहत छुट्टा पशुओं को रखने वाले लोगों को राज्य सरकार प्रतिदिन 30 रुपये (महीने में 900 रुपये) आर्थिक सहायता देती है।
योगी सरकार इस योजना पर करीब 110 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इसके बाद भी राज्य में छुट्टा पशुओं की समस्या पर अंकुश नहीं लगा प रहा है। पशुपालन विभाग के आंकड़े भी इसकी पूछिए करते हैं। इन आंकड़ों के अनुसार यूपी में 11.84 लाख मवेशी सड़कों पर हैं, जबकि 600 से अधिक नौ लाख से अधिक पशु पाले जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि मवेशियों के वध पर प्रतिबंध और गौरक्षकों के डर से राज्य में छुट्टा पशुओं की समस्या तेजी से बढ़ी है और राज्य में दूध न देने वाले पशुओं को पालना किसानों के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
योजना के तहत यह कदम उठाए जाएंगे
किसानों की इस समस्या का संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने बुंदेलखंड में चलाई जा रही मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना को अब पूरे प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है, ताकि अगले साल लोकसभा चुनाव में छुट्टा पशुओं की समस्या चुनावी मुद्दा ना बन सके। मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के तहत किसानों के खेत की फसल को पशुओं से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग कराए जाने की योजना है। इसके तहत लगाई जाने वाली सोलर फेंसिंग की बाड़ में मात्र 12 वोल्ट का करंट प्रवाहित होगा।
इससे सिर्फ पशुओं को झटका लगेगा। कोई क्षति नहीं होगी। यहीं नहीं हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी। इससे छुट्टा या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत में खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे। इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत 60 फीसद या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी।
गोचर भूमि को खाली कराने की कवायद
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में छुट्टा पशु खेत में खड़ी फसल का नुकसान तब अधिक करते हैं जब उनको पास में कुछ खाने को नहीं मिलता। गोचर भूमि छुट्टा पशुओं के लिए जरूरी है, लेकिन इस भूमि पर भी गांवों में लोगों के कब्जा किया है। ऐसे में गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान चल रहा है। यह अभियान 25 अगस्त तक चलेगा।