मुरादाबाद, 22 मार्च: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मानसिक तौर से कमजोर शख्स की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार को लेकर दो समुदाय के लोग आपस में भीड़ गए। बताया जा रहा है कि हिंदू- मुस्लिम गुटों के परिवार अपन बेटा बताकर उसके शव पर अपना- अपना हक जता रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को चमन उर्फ रिजवान की बीमारी के कारण मौत हो गई। जिसके बाद हिंदू समुदाय के लोग उसे अपना भाई चमन बता रहें थे वहीं दूसरी तरफ वहीं मुस्लिम समुदाय उसे रिजवान रहें थें। मामला इतना बढ़ गया कि शख्स अंतिम संस्कार पुलिस की निगरानी में किया गया।
चमन उर्फ रिजवान की शव यात्रा का नजारा देखने लायक था। इसके अंतिम यात्रा में अर्थी को कंधा देने वाले लोगों ने एक तरफ टीका लगा रखा था तो वहीं दूसरी तरफ किसी ने टोपी पहन रखी थी। दोनों गुटों ने अपने अपने धर्म के अनुसार अंतिम संसार संपन्न किया। इसके साथ ही अंतिम यात्रा में अल्लाह हो अकबर और राम नाम सत्य की आवाजें एक साथ सुनने को मिला।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक 13 जनवरी 2009 मुरादाबाद के रामकिशन सैनी का बेटा चमन लापता हो गया था। उसके परिवार वालों का कहना है कि वह भी मानसिक तौर से कमजोर था। इसके बाद फिर 28 फरवरी 2014 को ईद के मेले में घूम रहे अफजाल के बेटे रिजवान को रामकिशन की पत्नी चंद्रप्रभा ने अपना बेटा चमन बताया। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि रिजवान और चमन की फोटो आपस में बिलकुल हुबहू मिलती थी।