यूपी में डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया, जानिए क्या कहा

By भाषा | Updated: July 15, 2021 20:48 IST2021-07-15T20:35:55+5:302021-07-15T20:48:11+5:30

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका के दायरे को इस तरह विस्तारित नहीं किया जा सकता।

uttar pradesh Complete ban on DJ Supreme Court set aside the order of Allahabad High Court | यूपी में डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया, जानिए क्या कहा

सिंह ने याचिका में कहा कि रिट याचिका में पूरे राज्य के लिए राहत का कोई आग्रह नहीं किया गया था।

Highlights उत्तर प्रदेश में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रभावित पक्षों को सुने बिना उच्च न्यायालय को निर्देश जारी नहीं करने चाहिए थे।कुछ दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने डीजे पर पूर्ण रोक लगाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बृहस्पतिवार को निरस्त कर दिया।

इससे उत्तर प्रदेश में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रभावित पक्षों को सुने बिना उच्च न्यायालय को निर्देश जारी नहीं करने चाहिए थे। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका के दायरे को इस तरह विस्तारित नहीं किया जा सकता।

सुनवाई के दौरान, पक्षों में से एक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एस आर सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत रिट याचिका पर आदेश पारित किया जिसे जनहित याचिका में तब्दील नहीं किया जा सकता था। सिंह ने याचिका में कहा कि रिट याचिका में पूरे राज्य के लिए राहत का कोई आग्रह नहीं किया गया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने दायरे को विस्तारित कर दिया और कुछ दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

पीठ ने कहा कि दो पक्ष असंतुष्ट थे और उच्च न्यायालय ने दायर याचिका को जनहित याचिका तक विस्तारित कर दिया। डीजे एसोसिएशन की ओर से पेश अधिवक्ता दुष्यंत पराशर ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध का आदेश संविधान के अनुच्छेद-16 और अनुच्छेद-19(1)(जी) का उल्लंघन है।

पराशर ने कहा कि सामान्य निर्देश अनुच्छेद 19(1)(जी) और अनुच्छेद-16 में प्रदत्त संवैधानिक अधिकार को छीनता है। उच्च न्यायालय ने अगस्त 2019 में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे और डीजे सेवाओं के संचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी थी तथा इनसे उत्पन्न शोर को ‘‘अप्रिय’’ एवं ‘‘आपत्तिजनक स्तर’’ का करार दिया था।

शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2019 में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी और कहा था कि डीजे संचालकों के आवेदनों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा विचार किया जाएगा तथा यदि वे कानून के अनुरूप हैं तो अनुमति दी जा सकती है। 

Web Title: uttar pradesh Complete ban on DJ Supreme Court set aside the order of Allahabad High Court

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