बाबरी मस्जिद गिराने का मामला: बचाव पक्ष के लिखित दलीलें न देने पर अदालत ने चिंता जताई, जानिए मामला

By भाषा | Published: August 28, 2020 08:34 PM2020-08-28T20:34:57+5:302020-08-28T20:34:57+5:30

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का निस्तारण करने की अंतिम तारीख सितंबर के अंत तक बढ़ा दी है। इससे पहले अदालत बचाव पक्ष को दलीलें पेश करने के लिए 21 अगस्त और 24 अगस्त को समय दे चुकी है, बाद में इसे आज शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया गया था। अब बचाव पक्ष और अधिक समय मांग रहा है।

Uttar Pradesh Babri Masjid demolition case court expressed concern over defense not giving written arguments | बाबरी मस्जिद गिराने का मामला: बचाव पक्ष के लिखित दलीलें न देने पर अदालत ने चिंता जताई, जानिए मामला

अभियोजन पक्ष सीबीआई ने अपनी दलीलें पेश कर दी हैं, अब बचाव पक्ष के वकीलों को लिखित दलीलें पेश करनी हैं। (file photo)

Highlightsअदालत ने कहा कि 31 अगस्त तक लिखित दलीलें पेश करने के लिए बचाव पक्ष को अंतिम मौका दिया जाता है और इसके बाद उनके अवसर समाप्त हो जाएंगे। सीबीआई इस मामले में अपने 400 पन्नों की दलीलें पहले ही अदालत में पेश कर चुकी है। लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी रितंभरा, साक्षी महाराज और राम तीर्थ ट्रस्ट के सचिव चंपत राय शामिल हैं।

लखनऊः बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को इस बात पर गहरी चिंता जताई कि कई बार समय देने के बावजूद बचाव पक्ष के वकीलों ने अभी तक अपनी लिखित दलीलें पेश नहीं की हैं।

अदालत ने कहा कि 31 अगस्त तक लिखित दलीलें पेश करने के लिए बचाव पक्ष को अंतिम मौका दिया जाता है और इसके बाद उनके अवसर समाप्त हो जाएंगे। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का निस्तारण करने की अंतिम तारीख सितंबर के अंत तक बढ़ा दी है। इससे पहले अदालत बचाव पक्ष को दलीलें पेश करने के लिए 21 अगस्त और 24 अगस्त को समय दे चुकी है, बाद में इसे आज शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया गया था। अब बचाव पक्ष और अधिक समय मांग रहा है।

सीबीआई इस मामले में अपने 400 पन्नों की दलीलें पहले ही अदालत में पेश कर चुकी है। अदालत इस प्रकरण का निस्तारण सितंबर के अंत तक करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जरूरी रफ्तार से कार्यवाही कर रही है। इस मामले में 32 आरोपी है जिनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी रितंभरा, साक्षी महाराज और राम तीर्थ ट्रस्ट के सचिव चंपत राय शामिल हैं।

अभियोजन पक्ष सीबीआई ने अपनी दलीलें पेश कर दी हैं, अब बचाव पक्ष के वकीलों को लिखित दलीलें पेश करनी हैं। दलीलें पेश होने का काम समाप्त हो जाने पर अदालत अपना निर्णय सुना देगी। अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था।

उनका मानना था कि भगवान राम की जन्मभूमि पर स्थित मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी। उच्चतम न्यायालय ने दशकों से चले आ रहे इस विवाद का समाधान करते हुए संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का आदेश दिया था। 

Web Title: Uttar Pradesh Babri Masjid demolition case court expressed concern over defense not giving written arguments

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