लखनऊः उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के पहले बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को हो गई. और विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने हाथों में तख्ती लेकर विधानसभा के बाहर योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, धरना दिया.
इस दौरान विधानसभा मार्शल के साथ मीडियाकर्मियों का विवाद हुआ. इसके बाद सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के बीच सपा के विधायक वैल में आए. राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए. विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपना अभिभाषण पूरा किया.
अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई. सोमवार को सदन में हुए हंगामे से यह स्पष्ट हो गया कि विपक्ष एकजुट होकर योगी सरकार के खिलाफ सदन में कानपुर कांड और बेरोजगारी के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरेगा.
राज्यपाल के अभिभाषण के बीच हुआ विरोध प्रदर्शन
सोमवार को सदन के शुरू होते ही विपक्ष द्वारा हंगामा किया जाएगा, इसकी उम्मीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी थी. यहीं वजह है कि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामा करने पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. हालांकि राज्यपाल के अभिभाषण के बीच ही सदन में हंगामा शुरू हो गया.
पर उस पर ध्यान ना देते हुए राज्यपाल ने अभिभाषण में लिखी योगी सरकार की उपलब्धियों को पढ़ा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधरी है. प्रदेश में 9 एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो चुका है. प्रदेश में नकल विहीन परीक्षाएं कराई जा रही हैं. राज्यपाल ने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का काम कर रही है.
वहीं आरोग्य मेले की वजह से प्रदेश में 11 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है. राज्यपाल के इस अभिभाषण के बीच सपा के विधायक वैल में आए. इस दौरान सपा के विधायकों ने तख्ती लहराकर प्रदर्शन किया. विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल के संबोधन का भी बहिष्कार किया. इसके पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सदन में आने के पहले योगी सरकार पर हमला बोला और कहा कि जो लोग इंवेस्टर समिट में लगाए पौधों को नहीं बचा पाए, वह इन्वेस्टमेंट कहां से लाएंगे.
सदन में अखिलेश उठाएंगे कई मुद्दे:
अखिलेश यादव ने उठाया जातिगत जनगणना का मुद्दा भी उठाया और कहा कि समाजवादी पार्टी शुरू से जातिगत जनगणना की बात करती आई है. सीएम योगी दूसरे प्रदेश से आए हैं. इसलिए उन्हें यहां के जातिगत आंकड़ों के बारे में कुछ नहीं पता है. अखिलेश यादव ने रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर बोलने से इंकार किया.
कहा कि इसका जवाब सदन में देंगे. अखिलेश ने कानपुर देहात में जलकर मरने वाली मां बेटी के मामले को भी सदन में उठाने की बात कही. जबकि अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने कहा कि हम ज्यादा से ज्यादा समय तक सदन को चलाना चाहते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष को सदन में भरोसा नहीं है.
विपक्ष द्वारा सोमवार को किए गए हंगामे के बाद अब यह साफ हो गया है कि कानपुर देहात में झोपड़ी हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत की घटना के जरिए विपक्ष योगी सरकार को घेरेगा. इसके अलावा गन्ना मूल्य में वृद्धि न होने को लेकर और कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, निराश्रित पशुओं और किसानों की समस्याओं को लेकर भी विपक्षी दल सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेंगे.
सरकार जनकल्याण के हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार:
विपक्ष के इस रुख पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गंभीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है. प्रदेश सरकार राज्य के विकास एवं जनकल्याण से जुड़े मुद्दों पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है.
विधानसभा में सकारात्मक माहौल में चर्चा होनी चाहिए और संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए सभी सदस्यों को अपने सुझावों एवं मुद्दों को सदन में रखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यूपी की 25 करोड़ जनता के लिए 22 फरवरी को सदन में बजट प्रस्तुत होगा. बजट पर दोनों सदनों में चर्चा होने के बाद इसे पारित किया जाएगा