नई दिल्ली: कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट का संक्रमण फैलने की आशंका के बीच अगले साल की विधानसभा चुनाव को टोलने की भी मांग उठने लगी है। इस बीच गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने और चुनावों को टालने पर विचार करने की बात कहकर इस चर्चा को और तेज कर दी।
इन सबके बीच मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की प्रतिक्रिया सामने आई है। सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव आयोग की टीम इस संबंध में अगले हफ्ते फैसला लेगी। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, 'अगले हफ्ते हम उत्तर प्रदेश जा रहे हैं और वहां परिस्थितियों का जायजा लेंगे। इसके बाद उचित फैसला लिया जाएगा।'
सुप्रीम कोर्ट में भी दी गई है याचिका
कोरोना के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में भी चुनावी रैलियों और जमावड़ों पर रोक लगाने की मांग संबंधी एक याचिका दायर की गई है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है।
कोर्ट ने आगे कहा दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और उनकी मृत्यु हुई।
अदालत ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव निकट है जिसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं आदि करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं जहां कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में नाइट कर्फ्यू
ओमीक्रोन की दहशत को देखते हुए मध्य प्रदेश में नाइट कर्फ्यू 23 दिसंबर की रात से लागू कर दिया गया है। वहीं, शुक्रवार को यूपी सरकार ने भी 25 दिसंबर से नाइट कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी किया है।
यह कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू होंगे। साथ ही शादियों में भी 200 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर रोक लगाई गई है। इन सबके बीच बताते चलें कि अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।