अखिलेश को झटका, मसूद सपा छोड़ बसपा में शामिल, 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दिया था झटका, मायावती ने कुछ इस तरह किया स्वागत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 19, 2022 21:49 IST2022-10-19T21:47:40+5:302022-10-19T21:49:57+5:30
उत्तर प्रदेशः इमरान मसूद ने बसपा में शामिल होने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश में एक मजबूत विकल्प देने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा का दामन थामा था लेकिन नतीजे नहीं आए।

मायावती ने मसूद के बसपा में शामिल होने को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट किए।
लखनऊः पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में असरदार माने जाने वाले नेता इमरान मसूद बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए। बसपा अध्यक्ष मायावती ने मसूद का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी का संयोजक बनाया।
मसूद इस साल के शुरू में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। मसूद ने बसपा में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में एक मजबूत विकल्प देने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा का दामन थामा था लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आए।
उन्होंने कहा, "मुझे समझ में आया कि बसपा कैडर आधारित पार्टी है और उसका अपना जनाधार है। निश्चित रूप से हम एक मजबूत विकल्प बनेंगे। बहुजन समाज पार्टी जब-जब मजबूत हुई है, तब-तब भाजपा कमजोर हुई है।" मायावती ने मसूद के बसपा में शामिल होने को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट किए।
1. उत्तर प्रदेश व ख़ासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में श्री इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ, बीएसपी में शामिल हो गए, जिसका तहेदिल से स्वागत।
— Mayawati (@Mayawati) October 19, 2022
बसपा सुप्रीमो ने लिखा है, "उत्तर प्रदेश और ख़ासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ, बसपा में शामिल हो गए, जिसका तहेदिल से स्वागत।"
2. साथ ही, पार्टी में काम करने के इनके जबर्दस्त जोश व उत्साह को देखकर आज ही उन्हें पश्चिमी यूपी बीएसपी का संयोजक बनाकर वहाँ पार्टी को हर स्तर पर मज़बूत बनाने व ख़ासकर अक़लीयत समाज को पार्टी से जोड़ने की भी विशेष ज़ि़म्मेदारी सौंपी गई।
— Mayawati (@Mayawati) October 19, 2022
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "साथ ही, पार्टी में काम करने के इनके जबर्दस्त जोश व उत्साह को देखकर आज ही उन्हें पश्चिमी यूपी बसपा का संयोजक बनाते हुए वहाँ पार्टी को हर स्तर पर मज़बूत बनाने व ख़ासकर अक़लियत (अल्पसंख्यक) समाज को पार्टी से जोड़ने की भी विशेष ज़ि़म्मेदारी सौंपी गई है।"
3. आजमगढ़़ लोकसभा उपचुनाव के बाद व अब स्थानीय निकाय चुनाव से पहले श्री मसूद व अन्य लोगों का बीएसपी में शामिल होना यूपी की राजनीति के लिए इस मायने में शुभ संकेत है कि मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि भाजपा की द्वेषपूर्ण व क्रूर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं बल्कि बीएसपी ही जरूरी।
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आजमगढ़़ लोकसभा उपचुनाव के बाद और स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मसूद के बसपा में शामिल होने को उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए शुभ संकेत बताते हुए मायावती ने कहा, ‘‘मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि भाजपा की द्वेषपूर्ण व क्रूर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं बल्कि बसपा के ही जरूरी है।"
4. बीएसपी ने पार्टी संगठन तथा अपनी सभी सरकारों में भी गरीबों, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों आदि के हित एवं कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए अपने कार्यों से यह साबित किया है कि सर्वसमाज का हित, रोजी-रोजगार, सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता आदि बीएसपी में ही संभव, जिसपर विश्वास समय की माँग।
— Mayawati (@Mayawati) October 19, 2022
उन्होंने कहा, "बसपा ने पार्टी संगठन तथा अपनी सभी सरकारों में भी गरीबों, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों आदि के हित एवं कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए अपने कार्यों से यह साबित किया है कि सर्वसमाज का हित, रोजी-रोजगार, सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता आदि बसपा में ही संभव, जिस पर विश्वास समय की माँग है।"
गौरतलब है कि मसूद इस साल के शुरू में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। इस बीच, पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिलने पर उनके द्वारा नाराजगी जाहिर करने की खबरें भी थीं। मसूद के साथ कई विवाद भी जुड़े हैं। उन्हें मार्च 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था।