उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन और हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। यूपी पुलिस का कहना है कि हिंसा की वारदात में 160 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 को गोलियां लगी हैं। पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं व बच्चों को ढाल बनाया था। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में अभी भी मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी है जो सोमवार तक जारी रह सकती है। फिलहाल पुलिस प्रदर्शनकारियों के धर पकड़ में जुटी है। शिनाख्त होने के बाद आरोपियों को नोटिस भेजा जा रहा है। मुजफ्फरपुर में 80 दुकानों को पुलिस ने सीज कर दिया है।
कानपुर और रामपुर में हिंसा
शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कानपुर में यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान जबरदस्त पथराव भी हुआ जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। रामपुर में नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में एक व्यक्ति की जान चली गयी और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गये।
संभल, अमरोहा, मुजफ्फरनगर और फिरोजाबाद में प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश संभल, अमरोहा, मुजफ्फरनगर और फिरोजाबाद में शनिवार को विरोध प्रदर्शन और पथराव की खबरें मिली। फिरोजाबाद में दो और मेरठ में एक और शव मिला है। फिरोजाबाद में पथराव के दौरान एसएसपी, एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी समेत कई दरोगा और सिपाही घायल हुए हैं।
लखनऊ में टीएमसी का दौरा, हाई अलर्ट
तृणमूल कांग्रेस के नेता लखनऊ हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेगा। टीएमसी नेता और पूर्व मंत्री दिनेश त्रिवेदी के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधमंडल रविवार को लखनऊ आएगा। हालांकि अभी प्रशासन की तरफ से आधिकारिक रूप से इजाजत देने की पुष्टि नहीं हुई है। प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। शहर के हजरतगंज सहित आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है। दुकानें बंद कर दी गई है और भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।
16 की मौत, 705 गिरफ्तार, 4500 हिरासत में
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शनिवार को कानपुर और रामपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के बीच पिछले गुरुवार से अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच हुए हिंसक टकराव में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। पूरे सूबे में अब तक 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने शनिवार को 'भाषा' को बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा में अब तक 15 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से मेरठ में पांच, फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो-दो, वाराणसी, संभल, रामपुर और लखनऊ में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। घायलों में 263 पुलिसकर्मी हैं उनमें से 57 को गोली लगी है।
सोशल मीडिया पर पैनी नजर
विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप में 102 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। अभी तक 14101 सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई हुई है। इनमें 5965 ट्वीट, 7995 फेसबुक और 141 यूट्यूब पोस्ट शामिल हैं। इस बीच, शनिवार को हिंसा की कुछ ताजा घटनाएं भी हुईं।
अलीगढ़ में प्रदर्शन
चार दिन तक शांतिपूर्ण माहौल के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शनिवार को फिर से विरोध प्रदर्शन हुआ। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने साथ मिलकर नए नागरिकता कानून का विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को शहर के शाह जमाल इलाके में प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर पुलिस द्वारा किए गए हल्के बल प्रयोग का भी विरोध किया। एएमयू ने हिंसा के मामले में आंतरिक जांच कराने का फैसला किया है। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने शनिवार को बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.के.गुप्ता गत 15 और 16 दिसम्बर को परिसर में हुई हिंसा की जांच करेंगे।
राज्यपाल से मिले सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। योगी ने शुक्रवार देर रात जारी बयान में पूरे प्रदेश में शांति बहाली की अपील करते हुए कहा कि लोग अफवाहों में न पड़ें और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में भी न आएं। लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, अलीगढ, गाजियाबाद, वाराणसी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बरेली, फिरोजाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, संभल, अमरोहा, मउ, आजमगढ और सुल्तानपुर सहित कई बडे शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर