वॉशिंगटन: अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी वॉशिंगटन डीसी में कुछ प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। Black Lives Matter के समर्थक वॉशिंगटन में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया है। भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने इस बात के लिए माफी मांगी है।
केन जस्टर ने कहा है कि वाशिंगटन डीसी में गांधी प्रतिमा की बदहाली को देखकर खेद हुआ। कृपया हमारी ईमानदार माफी को स्वीकार करें।
वॉशिंगटन की पुलिस ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले दोषी व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
ह्यूस्टन निवासी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में 25 मई को उस समय मौत हो गई थी, जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने उसके गले को अपने घुटने से तब तक दबाए रखा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं रुक गई। इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
कुछ स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और बड़े पैमाने पर लूटपाट की गई, सम्पत्ति एवं स्मारकों को नुकसान पहुंचाया गया और वाहनों को आग लगा दी गई। ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका में हालिया दशकों में इतने बड़े पैमाने पर असैन्य अशांति नहीं फैली है। रात में कई प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के कारण न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया। प्रदर्शनकारियों ने इन शहरों में कई स्थानों पर कर्फ्यू का कथित रूप से उल्लंघन किया। वाशिंगटन डीसी में सैन्य वाहनों को व्हाइट हाउस के निकट सड़कों पर देखा गया और लफायेते पार्क में बड़ी संख्या में सशस्त्र कर्मी देखे गए।
फ्लॉयड की हिरासत में मौत के विरोध में इस पार्क में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे। पुलिस की बर्बरता के खिलाफ हजारों लोगों ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च निकाला। मैनहट्टन के एक लोकप्रिय डिपार्टमेंटल स्टोर समेत न्यूयॉर्क में कई स्थानों पर सोमवार रात लूटपाट की घटनाएं हुईं।
अप्रैल में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था जॉर्ज फ्लॉयड
मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मरने वाले जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार (3 जून) को जारी की गई और उससे यह पता चला है कि फ्लॉयड कोविड-19 से संक्रमित भी रह चुका था। हेनेपिन काउंटी के चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने फ्लॉयड की परिवार की अनुमति के बाद 20 पन्नों की रिपोर्ट जारी की। मौत की वजह का पता लगाने के लिए अधिकृत सरकारी अधिकारी ने सोमवार को बताया कि फ्लॉयड को दिल का दौरा पड़ा था और उन्होंने 25 मई को हुई उसकी मौत को मानव हत्या बताया था।
मुख्य चिकित्सा परीक्षक एंड्रयू बेकर की रिपोर्ट में कई क्लिनिकल जानकारियों के साथ यह भी बताया गया है कि फ्लॉयड तीन अप्रैल को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था लेकिन उसमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लॉयड के फेफड़े स्वस्थ दिख रहे थे लेकिन उसकी दिल की धमनियों में थोड़ा संकुचन था।