US Senate: 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग', यूएस सीनेट कमेटी ने चीन को कोशिश नाकाम करते हुए प्रस्ताव किया पारित

By अंजली चौहान | Published: July 14, 2023 10:47 AM2023-07-14T10:47:16+5:302023-07-14T10:55:49+5:30

पिछले महीने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट समिति ने अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया है।

US Senate Arunachal Pradesh is an integral part of India US Senate committee passed the proposal, thwarting China's attempt | US Senate: 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग', यूएस सीनेट कमेटी ने चीन को कोशिश नाकाम करते हुए प्रस्ताव किया पारित

फोटो क्रेडिट- ट्विटर

Highlightsअमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग कहा चीन हमेशा अरुणाचल पर अपना दावा करता है संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट समिति ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर प्रस्ताव पारित किया है

भारत का पूर्वोउत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश पर चीन की बुरी नजर हमेशा से टिकी रही है। अरुणाचल की सीमा पर तैनात चीनी सेना ने कई बार देश की सीमा पर कब्जा करने के इरादे से कई विवाद खड़े किए है लेकिन भारतीय सेना के आगे उन्हें पीछे हटना पड़ा।

चीन के अलग-अलग पैतरों को जोरदार झटका लगा है और अमेरिका की सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।

यह प्रस्ताव ओरेगॉन के सीनेटर जेफ मर्कले, टेनेसी के सीनेटर बिल हैगर्टी और टेक्सास के सीनेटर जॉन कॉर्निन द्वारा पारित किया गया था। इस प्रस्ताव को सीनेटर टिम काइन (डी-वीए) और क्रिस वान होलेन (डी-एमडी) द्वारा प्रायोजित किया गया था।

कानून इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिका मैकमोहन रेखा को चीन और भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देता है।

एक मीडिया बयान में कहा गया है कि इसने चीन के दावों को खारिज कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश का बड़ा हिस्सा उनका क्षेत्र है, जो पीआरसी की बढ़ती आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों का एक हिस्सा है।

सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले सीनेटर मर्कले ने कहा, "स्वतंत्रता और नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करने वाले अमेरिका के मूल्य दुनिया भर में हमारे सभी कार्यों और संबंधों के केंद्र में होने चाहिए खासकर जब पीआरसी सरकार एक वैकल्पिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है।"

जानकारी के अनुसार, इस द्विदलीय प्रस्ताव को पहली बार फरवरी में लाया गया था। तब प्रस्ताव पेश करने वाले सीनेटर बिल हैगर्टी ने कहा था कि चीन मुक्त एवं खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए लगातार गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। ऐसे में अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक भागीदारों, खासकर भारत के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहे। 

इस प्रस्ताव के पारित होने से समिति पुष्टि करती है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है न कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और इस क्षेत्र में समर्थन और सहायता को गहरा करने के लिए अमेरिका को प्रतिबद्ध करता है। 

सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष कॉर्निन ने कहा कि जैसे-जैसे सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है, अमेरिका को लोकतंत्र और स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के समर्थन में मजबूती से खड़ा होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करेगा कि अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में मान्यता देता है और मैं अपने सहयोगियों से इसे बिना देरी के पारित करने का आग्रह करता हूं।

Web Title: US Senate Arunachal Pradesh is an integral part of India US Senate committee passed the proposal, thwarting China's attempt

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