नई दिल्ली, 28 जून: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली गुरुवार को यहां मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च गईं। उन्होंने लंगर में खाना बनाने में मदद की। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि लोगों की आजादी से ज्यादा धार्मिक आजादी जरूरी है। बुधवार को उन्होंने नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके आतंकवाद से मुकाबला और अन्य मसलों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी।निकी हेली ने भारत दौरे के दूसरे दिन कहा, भारत और अमेरिका में एक बात खास है, वह है धर्म की आजादी है। हमारे राष्ट्रों को केवल सहिष्णुता और सम्मान के साथ ही रखा जा सकता है। उन्होंने कहा, भारतीयों ने मुझे अपनों सा व्यवहार किया है। गवर्नर के रूप में, मैं अपने सभी भाषणों का उल्लेख करके यह कहूंगी कि मैं भारतीय आप्रवासियों की बेटी हूं। भारतीयों के बीच शिक्षा के लिए कार्य नैतिक और गहरा प्यार पर मुझे गर्व है।
उन्होंने आगे कहा, भारत, एक परमाणु राज्य है और वह व्यापक रूप से सम्मानित भी है क्योंकि यह एक जिम्मेदार लोकतंत्र है। अमेरिका परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता का भी समर्थन करता है। निकी हेली ने आगे कहा, अमेरिका-भारत संबंध उदासीनता और पारस्परिक संदेह से दोस्ती और भागीदारी के लिए उभरा है। आज, भारतीय अमेरिकी अमेरिका में सबसे शिक्षित और अत्यधिक परोपकारी अल्पसंख्यक हैं। आतंकवाद पर हेली ने कहा, हम आतंकवाद को विश्व से हटाना चाहते हैं और हम इस पहल को भारत के साथ करना चाहते हैं। अमेरिका एक भागीदार के रूप में पाकिस्तान को महत्व जरूर देता है लेकिन वह किसी भी आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान स्वर्ग नहीं बनने देंगी। भारत और अमेरिका आतंकवाद को हरा कर और घृणास्पद विचारधारा को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
निकी हेली गुरुवार सुबह सबसे पहले यहां सीस गंज गुरुद्वारे पहुंचीं। उन्होंने वनपीस के साथ सिर पर दुपट्टा ओढ़ा था। इसके बाद हेली जामा मस्जिद, गौरी शंकर मंदिर और सेंट्रल बेपटिस्ट चर्च गईं। चारों धार्मिकस्थलों पर उन्होंने माथा टेका और प्रार्थना की। हेली पहली बार भारत आई हैं। यह उनका दो दिन का दौरा है। इस दौरान वे भारतीय अधिकारियों, कारोबार क्षेत्र के दिग्गजों और छात्रों से मुलाकात करेंगी।
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