'मेक इन इंडिया' की सफलताः जोधपुर में आज अमेरिकी वायुसेना प्रमुख उड़ाएंगे भारत निर्मित तेजस विमान
By आदित्य द्विवेदी | Published: February 3, 2018 10:37 AM2018-02-03T10:37:09+5:302018-02-03T10:45:36+5:30
भारत दौरे पर आए अमेरिकी वायुसेना प्रमुख डेविड गोल्डफिन को भारतीय वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी दिखाया गया जो पाकिस्तान और चीन की सीमा तक टैंक ले जाने में सक्षम है।
अमेरिका के वायुसेना प्रमुख जनरल डेविड गोल्डफिन भारत दौरे पर 'मेड इन इंडिया' की एक और इबारत पर मुहर लगाएंगे। शनिवार को जोधपुर के एयरफोर्स स्टेशन से अमेरिकी वायुसेना प्रमुख भारत निर्मित युद्धक विमान तेजस में उड़ान भरेंगे। जनरल गोल्डफिन का यह कदम दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों की तरफ इशारा कर रहा है। जनरल गोल्डविन के भारत दौरे पर इंडियन एयरफोर्स ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'भारत और अमेरिका की वायुसेनाओं के बीच पहले ही मजबूत रिश्ते हैं। हम इसे और प्रगाढ़ बनाने जा रहे हैं।'
भारत दौरे पर आए अमेरिकी वायुसेना प्रमुख को भारतीय वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी दिखाया गया जो पाकिस्तान और चीन की सीमा तक टैंक ले जाने में सक्षम है। अमेरिकी वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सी-17 फ्लीट को ऑपरेट करती है।
जनरल गोल्डफिन गुरुवार को भारत यात्रा पर आए हैं। उन्होंने भी भारत के C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान की तारीफ की है। C-17 ग्लोबमास्टर एक भारी-भरकम विमान है जिसमें टैंक और भारी-भरकम सैन्य सामान आसानी से ले जाए सकते हैं। इस विमान की वजह से चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे दुर्गम इलाकों में सेना आसानी से पहुंच सकती है।
बता दें कि युद्धक विमान तेजस का निर्माण तो स्वदेश में किया गया है लेकिन इसका इंजन अमेरिकी है। तेजस में इस्तेमाल की जाने वाली हथियार प्रणाली इजरायल की है और इजेक्शन सीट ब्रिटेन की है। तेज विमान के कई अन्य पुर्जे भी विदेशों से आयात किए गए हैं। तेजस एक तरह से चीन और पाकिस्तान के संयुक्त रूप से बनाए गए लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर की टक्कर का है। तेजस एक उड़ान में करीब 2300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है जबकि थंडर 2,037 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है।