UP: होम क्वॉरेंटाइन किए गए 82 साल के बुजुर्ग की मौत, शव में पड़े कीड़े, 22 मार्च से घर में था अकेला

By पल्लवी कुमारी | Published: April 13, 2020 10:48 AM2020-04-13T10:48:37+5:302020-04-13T10:48:37+5:30

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या सोमवार को बढ़कर 483 हो गई है। जिसमें से 46 लोग ठीक हो चुके हैं और पांच लोगों की मौत हो गई है।

UP's Barabanki 82-Year-Old Quarantined at Home Death he Returned from Gujarat | UP: होम क्वॉरेंटाइन किए गए 82 साल के बुजुर्ग की मौत, शव में पड़े कीड़े, 22 मार्च से घर में था अकेला

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsबाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चन्द्रा ने कहा कि मृतक गुजरात से आया था, इसलिए उसे होम क्वॉरेंटाइन किया गया था। आशा कार्यकर्ता ने कहा, "मैं 22 मार्च को उस बुजुर्ग शख्स से मिलने गई थी और उसे सेल्फ क्वॉरेंटाइन रहने के लिए कहा था।"

बाराबंकी:कोरोना वायरस को लेकर होम क्वॉरेंटाइन में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक 82  साल के बुजुर्ग की मौत हो गई है। बुजुर्ग पिछले महीने गुजरात से लौटा था, जिसके बाद 22 मार्च को उसे होम क्वॉरेंटाइन किया गया था। बाराबंकीजनपद के थाना मोहम्मदपुर खाला इलाके के गांव बढ़नापुर में शुक्रवार (10 अप्रैल) को बुजुर्ग की मौत की सूचना मिली। 

News 18 में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (10 अप्रैल) को जब गांव वालों को तेज दुर्गन्ध आई तो प्रशासन को खबर दी गई। प्रशासन ने जब आकर देका तो बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी। रिपोर्ट के मुताबिक बुजुर्ग के शव में कीड़े पड़े थे। दुर्गन्ध इतनी ज्यादा थी कि लोगों का वहां खड़ा होना भी मुश्किल था। शव के हालात को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा था कि शख्स की मौत कुछ दिनों पहले ही हुई होगी। बुजुर्ग अपने पोते के मुंडन समारोह में शामिल होने के लिए बड़ौदा गया था। 

कोरोना के डर से होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों से गांव वाले नहीं मिल रहे थे

बुजुर्ग अपने बेटे के साथ गुजरात से पिछले महीने लौटा था। जिसके बाद प्रशासन ने दोनों को होम क्वॉरेंटाइन रहने के लिए कहा था। लेकिन बुजुर्ग का बेटा पास के सरकारी स्कूल में क्वॉरेंटाइन सुविधाओं के साथ रह रहा था। मृत बुजुर्ग घर पर अकेला रहता था और अक्सर स्थानीय लोगों द्वारा देखा जाता था।

गांव वालों ने कहा है कि जब से प्रशासन ने होम क्वारंटाइन किया था, तब से डर की वजह से लोग उधर जाते ही नहीं थे। कभी-कभी राशन इत्यादि लेते जाते समय वह लोग उन्हें देख लेते थे। 

एक स्थानीय आशा कार्यकर्ता ने कहा, "मैं 22 मार्च को उस बुजुर्ग शख्स से मिलने गई थी और उसे सेल्फ क्वॉरेंटाइन रहने के लिए कहा था।" आशा कार्यकर्ता ने बताया 22 मार्च के बाद वह 4 अप्रैल को घर के दरवाजे पर नोटिस चस्पा करने आई थी। इस दौरान उन्हें किसी अनहोनी की भनक नहीं हुई थी। 

दमे का मरीज भी था बुजुर्ग शख्स

स्थानीय महिला ग्राम प्रधान के पति महेन्द्र वर्मा ने बताया कि जिद्दी स्वाभाव होने की वजह से बुजुर्ग अपना खाना खुद ही बनाता था। यहां तक कि एक अप्रैल को वह उनके यहां से राशन भी लेकर गए थे। 4 अप्रैल को बेलहरा के निवासी डॉक्टर बृजेश के यहां से अपनी दवा भी लेकर आये थे। वह दमे के मरीज थे। 

जानें मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बुजुर्ग की मौत पर क्या कहा? 

बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चन्द्रा ने कहा कि मृतक गुजरात से आया था, इसलिए उसे होम क्वॉरेंटाइन किया गया था। मृतक को कोरोना वायरस नहीं था। लेकिन फिर भी सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। शव में कीड़ा पड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि इसपर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। 

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