स्मार्ट मीटरों पर जम्मू-कश्मीर में उबाल, हिंसक प्रदर्शनों के बावजूद प्रशासन झुकने को तैयार नहीं, 22 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य

By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 1, 2023 03:29 PM2023-09-01T15:29:34+5:302023-09-01T15:32:08+5:30

पिछले कई दिनों से स्थानीय अखबार स्मार्ट मीटरों के फायदे गिनाने वाले विज्ञापनों से तो पटे ही हैं, बिजली विभाग के आला अधिकारी भी स्थानीय स्तर पर पत्रकार वार्ताओं द्वारा इसके फायदे गिना रहे हैं।

uproar in Jammu and Kashmir over smart meters despite violent protests Administration adamant | स्मार्ट मीटरों पर जम्मू-कश्मीर में उबाल, हिंसक प्रदर्शनों के बावजूद प्रशासन झुकने को तैयार नहीं, 22 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsजम्मू कश्मीर में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों पर बवाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर हर हाल में लगेंगेपिछले तीन सालों से पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं

जम्मू: जम्मू कश्मीर में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों पर बवाल सरकार के विज्ञापन युद्ध के बाद और बढ़ गया है। पिछले कई महीनों से लखनपुर से लेकर कश्मीर के उड़ी तक इन मीटरों के विरूद्ध हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बावजूद प्रदेश प्रशासन ने अब पुनः सख्ती के साथ पेश आते हुए स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर हर हाल में लगेंगे।

इन मीटरों के विरोध में प्रदेश में दो बार जम्मू बंद भी आयोजित किया जा चुका है। पर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। अब उसने स्मार्ट मीटरों के पक्ष में विज्ञापन युद्ध छेड़ते हुए इसके फायदे गिनाने आरंभ किए हैं। पिछले कई दिनों से स्थानीय अखबार स्मार्ट मीटरों के फायदे गिनाने वाले विज्ञापनों से तो पटे ही हैं, बिजली विभाग के आला अधिकारी भी स्थानीय स्तर पर पत्रकार वार्ताओं द्वारा इसके फायदे गिना रहे हैं। साथ ही वे चेतावनी के तौर पर स्पष्ट करने की कोशिश करते थे कि स्मार्ट मीटर की मुहिम नहीं रुकेगी।

बिजली विभाग के अनुसार, प्रदेश में 22 लाख के करीब रजिस्टर्ड बिजली उपभोक्ता हैं और सभी के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। अभी तक पौने चार लाख मीटर ही लग पाए हैं क्योंकि मीटरों की आपूर्ति की गति कछुआ चाल से है। हालांकि सबसे अधिक बवाल प्री पेड मीटरों को लेकर है जिसकी गति को फिलहाल धीमा करने के साथ ही पुलिस प्रोटेक्शन में उन्हें लगाया जा रहा है।

बता दें कि हर बार की तरह बिजली विभाग ने एक बार फिर घोषणा की है कि जिन इलाकों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं वहां बिजली कटौती नहीं होगी। पर पहले की घोषणाओं को मजाक वह खुद ही कई बार उड़ा चुका है। पिछले तीन सालों से पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं और इन्हें लगाने के बाद 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के अपने वादों से ही विभाग कई बार मुकर चुका है। हर वायदे को तोड़ने के साथ ही वह यह दलील देता आया है कि उसके पास बिजली नहीं है और महंगी बिजली खरीदने के लिए उसके पास पैसा नहीं है। केंद्र शाषित प्रदेश में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से कई बदलाव हुए हैं। कश्मीर में बिजली की आपूर्ति का जिम्मा केपीडीसीएल के पास है। 

Web Title: uproar in Jammu and Kashmir over smart meters despite violent protests Administration adamant

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