अब श्रीलंका में भी स्वीकार किया जाएगा UPI पेमेंट, दोनों देशों के बीच भूमि पुल बनाने की संभावना तलाशी जाएगी, हुए कई अहम समझौते
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 21, 2023 02:06 PM2023-07-21T14:06:21+5:302023-07-21T14:07:42+5:30
अब भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पड़ोसी देश श्रीलंका में भी स्वीकार की जाएगी। अब तक, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर ने यूपाआई और भुगतान समाधानों पर भारत के साथ साझेदारी की है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की उपस्थिति में भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौते हुए हैं। अब भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पड़ोसी देश श्रीलंका में भी स्वीकार की जाएगी।
भारत में यूपीआई भुगतान प्रणाली बेहद लोकप्रिय हो गई है और इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। अब तक, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर ने यूपाआई और भुगतान समाधानों पर भारत के साथ साझेदारी की है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) भारत की मोबाइल-आधारित भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों को वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग करके, चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की सुविधा देती है।
इस मौको पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह आवश्यक है कि हम एक-दूसरे के सुरक्षा हितों, संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए मिलकर काम करें। घनिष्ठ मित्र होने के नाते हमेशा की तरह हम संकट के दौरान भी श्रीलंका के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। पीएम मोदी ने कहा कि हम इस पर सहमत हुए हैं कि मछुआरों के मुद्दे से मानवीय रुख के साथ निपटा जाना चाहिए ।
पीएम मोदी ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत और श्रीलंका देशों के बीच पेट्रोलियम लाइन और भूमि पुल कनेक्टिविटी की संभावनाओं पर अध्ययन किया जाएगा। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के हालिया आर्थिक संकट के दौरान भारत द्वारा दिए गए समर्थन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। नई दिल्ली ने जनवरी से जुलाई 2022 के बीच कोलंबो को लगभग 4 बिलियन डॉलर की त्वरित सहायता प्रदान की थी।
विक्रमसिंघे ने कहा, "पीएम मोदी और मेरा मानना है कि भारत के दक्षिणी हिस्से से श्रीलंका तक बहु-परियोजना पेट्रोलियम पाइपलाइन के निर्माण से श्रीलंका को ऊर्जा संसाधनों की किफायती और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी।"
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने ये भी कहा कि हमारा मानना है कि भारत की वृद्धि उसके पड़ोसियों और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए फायदेमंद है।