UP: 6,500 क्रय केंद्रों पर 2,425 रुपए की दर से हो रही गेहूं की खरीद, कर्मचारियों ने 12 घंटे की ड्यूटी का किया विरोध!

By राजेंद्र कुमार | Updated: March 23, 2025 19:46 IST2025-03-23T19:46:47+5:302025-03-23T19:46:47+5:30

आगामी 15 जून तक इन केंद्रों पर गेहूं खरीद होगी. बीते साल के मुक़ाबले इस वर्ष गेहूं की खरीद अधिक हो इसके लिए सरकार ने गेहूं क्रय केंद्रों को प्रतिदिन 12 घंटे तक खोलने के आदेश दिया है. 

UP: Wheat is being purchased at the rate of Rs 2,425 at 6,500 purchase centers, employees protested against 12-hour duty! | UP: 6,500 क्रय केंद्रों पर 2,425 रुपए की दर से हो रही गेहूं की खरीद, कर्मचारियों ने 12 घंटे की ड्यूटी का किया विरोध!

UP: 6,500 क्रय केंद्रों पर 2,425 रुपए की दर से हो रही गेहूं की खरीद, कर्मचारियों ने 12 घंटे की ड्यूटी का किया विरोध!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी 6,500 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद 17 मार्च से शुरू हो गई है. इन केंद्रों पर सरकार द्वारा तय किए गए 2,425 रुपए प्रति कुंतल समर्थन मूल्य के आधार पर गेहूं की खरीद भी की जा रही है. आगामी 15 जून तक इन केंद्रों पर गेहूं खरीद होगी. बीते साल के मुक़ाबले इस वर्ष गेहूं की खरीद अधिक हो इसके लिए सरकार ने गेहूं क्रय केंद्रों को प्रतिदिन 12 घंटे तक खोलने के आदेश दिया है. 

अब इन खरीद केंद्रों पर तैनात हजारों सरकारी कर्मचारी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर-ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग ही है. यह भी कहा है कि अवकाश के दिनों में गेहूं खरीद ना कराई जाए. 

इसलिए नाराज है कर्मचारी : 

एसोसिएशन मांगें पूरी न होने पर न्यायालय की शरण लेने की बात कही है. एसोसिएशन के इस ऐलान से खाद्य एवं रसद विभाग के आला अफसरों की हतप्रभ हैं और अब नाराज कर्मचारियों को मनाने के प्रयास किया जा रहे हैं. जबकि प्रांतीय महामंत्री टीएन चौरसिया का कहना है कि प्रदेश के प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि गेहूं खरीद के लिए केंद्रों को खोलने का समय और अवकाश के दिन भी खरीद किए जाने की व्यवस्था को पुनर्विचार कर रद्द किया जाना चाहिए. 

खरीद केंद्रों पर प्रतिदिन 12 घंटे यानी सप्ताह में 84 घंटे केवल खरीद का काम होना है, परंतु प्रतिदिन गेहूं खरीद की समाप्ति के बाद क्रय केंद्र को बंद करने में कम से कम एक घंटे का समय लगता है. इस समय को जोड़ा नहीं गया है. वास्तविकता यह है कि खरीद केंद्रों पर कार्यरत हर कर्मचारी को प्रतिदिन 13 घंटे काम करना पड़ रहा है. यह ना तो मानवीय है और ना ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही है.

गेहूं क्रय केंद्रों को 12 घंटे खोलने के सरकारी आदेश से कर्मचारी और उसके पूरा परिवार को मानसिक यंत्रणा से गुजरना पड़ रहा हैं. खरीद के कार्य में लगी महिला कर्मचारियों को भी सरकार के इस फैसले से परेशानी हो रही है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बने गेहूं खरीद केंद्रों पर देर रात तक कार्य करने के कारण उनकी सुरक्षा का मुद्दा भी है. 

इन सारी दिक्कतों का उल्लेख करते हुए एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने गेहूं खरीद का समय कम करने और अवकाश देने के साथ पहले लंबित मांगों पर निर्णय के लिए समय निर्धारित करने की मांग की गई है. मांगें पूरी न होने पर एसोसिएशन ने न्यायालय की शरण लेने की बात कही है. कहा जा रहा है कि कर्मचारियों की नारजगी का असर गेहूं खरीद पर पड़ सकता है. 

कर्मचारियों को मनाने में जुटी सरकार : 

बीते साल सरकार ने 3.02 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था. इस बार लक्ष्य बढ़ाया गया है. सरकार को उम्मीद है कि 2.65 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कराया था. इन किसानों के भरोसे वह यूपी में गेहूं की रिकार्ड खरीद करने में सफल होगी. परन्तु अब गेहूं खरीद में लगे सरकारी कर्मचारी गेहूं क्रय केंद्रों को प्रतिदिन 12 घंटे तक खोलने के आदेश का विरोध कर रहे हैं. 

इस कर्मचारियों की मांग को अगर माना नहीं गया तो सरकार गेहूं खरीद का रिकार्ड बनाने के वंचित हो सकती है. इसलिए अब कर्मचारियों को मनाने का प्रयास किया जा रही है. प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद इसके लिए कर्मचारियों की यूनियन से बात कर रहे हैं, पर अभी तक बात बनी नहीं है. 

Web Title: UP: Wheat is being purchased at the rate of Rs 2,425 at 6,500 purchase centers, employees protested against 12-hour duty!

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