UP: विधानसभा परिसर में सपा विधायकों ने ट्रैक्टर और गन्ने के साथ किया प्रदर्शन
By रुस्तम राणा | Updated: December 23, 2025 18:56 IST2025-12-23T18:56:31+5:302025-12-23T18:56:31+5:30
सपा विधायकों के इस विरोध प्रदर्शन को सूबे के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मीडिया में बने रहने के लिए विपक्षी सदस्य यह नाटक कर रहे हैं. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के अनुसार, सूबे के किसान खुशहाल हैं और विपक्ष के पास जनता से जुड़े कोई असली मुद्दे बचे नहीं हैं

UP: विधानसभा परिसर में सपा विधायकों ने ट्रैक्टर और गन्ने के साथ किया प्रदर्शन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में मंगलवार को किसान और शिक्षकों की समस्याओं को लेकर विपक्ष से सत्ता पक्ष को बैकफुट पर ला दिया. किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अतुल प्रधान गन्ना लेकर विधानसभा के परिसर में पहुँच गए. जबकि कुछ अन्य विधायकों ने ट्रैक्टर और गन्ने के साथ विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया. सपा विधायकों के इस विरोध प्रदर्शन को सूबे के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मीडिया में बने रहने के लिए विपक्षी सदस्य यह नाटक कर रहे हैं. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के अनुसार, सूबे के किसान खुशहाल हैं और विपक्ष के पास जनता से जुड़े कोई असली मुद्दे बचे नहीं हैं. इसलिए इस तरह के प्रदर्शन का सहारा लेकर राजनीतिक बहस छेड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
विपक्ष के किसानों की समस्याओं को उठाया
फिलहाल सदन के भीतर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने भी चौधरी चरण सिंह के जीवन पर अपनी रखी. इस दौरान उन्होंने भूमि सुधार कानून को याद करते हुए किसानों के हित में किए गए उनके कार्यों के बारे बताया और उन्होंने किसानों को फोकस में रखकर एक दिन का सदन चलाने की मांग रखी. जबकि सपा नेता अतुल प्रधान ने चौधरी चरण सिंह के जीवन पर अपने विचार रखते हुए यूपी सरकार से गन्ना मूल्य और गन्ना किसानों की समस्याएं दूर करने की मांग की.
उन्होंने कहा आज यूपी में किसान सबसे परेशान है, गन्ना किसानों को वाजिब गन्ना मूल्य यह सरकार नहीं दे रही है. राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने का जो वादा योगी सरकार ने किया था, वह तो पूरा नहीं हुआ. बल्कि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य तक नहीं मिल रहा है. वर्तमान में आलू किसानों को आलू के उचित दाम नहीं मिला रहे हैं और किसान आलू को सड़कों पर फेकने को मजबूर हैं. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानो के हितैषी होने के बड़े बड़े दावे कर रहे हैं।
शिक्षकों के रिक्त पदों का हुआ जिक्र
सपा विधायक सचिन यादव ने कहा कि सदन में कहा कि यूपी में स्कूलों में 1.5 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं. इन रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है. शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. वही दूसरी तरफ शिक्षकों से चुनाव ड्यूटी कराई जा रही है. हजारों शिक्षक आज एसआईआर करा रहे हैं. हर साल 12 हजार शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। लेकिन, छह वर्ष से कोई भर्ती नहीं की जा रही हैं क्योंकि सरकार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण देना नहीं चाहती.
सचिन यादव ने यह भी कहा कि सरकार सरकारी स्कूल बंद करने के जुगाड़ में तरह तरह की योजनाओं पर विचार कर रही है. सपा विधायक आरके वर्मा ने निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों के शोषण पर सवाल खड़े किए. उन्होने कहा कि स्कूलों में मनमानी शुल्क वसूली जा रही हैं. आरटीई के तहत 25 फीसदी तक गरीब के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सके, इसे भी लागू करने में सुस्ती दिखाई जा रही है.
कोई स्कूल बंद नहीं किया गया
मंत्री संदीप सिंहविपक्ष सदस्यों के इन सवालों के जवाब में मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि कोई स्कूल बंद नहीं किया गया है. सिर्फ एक किमी के दायरे के स्कूलों को जहां 50 से कम बच्चे थे, उन्हें मर्ज किया गया है. उन्होने शिक्षकों की भर्ती के सवालों पर यह कहा कि शिक्षकों के स्वीकृत पदों को समाप्त करने का अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. शिक्षक और बच्चों के अनुपात को मेंटेन रखने का पूरा प्रयास रहता है और जल्दी ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी.