यूपी: 'हर घर तिरंगा अभियान' पर सवाल खड़ा करते हुए सपा विधायक ने कहा, "सिर्फ तिरंगा फहराने से देश के प्रति वफादारी साबित नहीं होती"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 7, 2022 10:07 PM2022-08-07T22:07:20+5:302022-08-07T22:12:46+5:30
यूपी सरकार 'हर घर तिरंगा अभियान' को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक किये हुए है। ऐसे में विपक्ष की समाजवादी पार्टी ने बड़े पैमाने पर आयोजित हो रहे इस अभियान की हवा निकालने के लिए उसे सवालों के घेरे में ला दिया है।
संभल: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आजादी का अमृत महोत्सव को भव्य तरीके से मनाने के लिए 'हर घर तिरंगा अभियान' को जन-जन तक पहुंचाने के लिए दिन-रात एक किये हुए है। ऐसे में विपक्ष की समाजवादी पार्टी ने बड़े पैमाने पर आयोजित हो रहे इस अभियान की हवा निकालने के लिए उसे सवालों के घेरे में ला दिया है।
समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी के विधायक जियाउर रहमान बरक ने भाजपा के 'हर घर तिरंगा अभियान' की तुलना अंग्रेजों राज के अभियान से करते हुए कहा कि क्या सिर्फ तिरंगा फहराने से देश के प्रति वफादारी साबित हो जाती है?
सपा विधायक जियाउर रहमान बरक पत्रकारों से बात करते हुए स्कूल के उस वीडियो का हवाला दे रहे थे, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए टीचर द्वारा झंडा के लिए बच्चों से 15-15 रुपये मांगने पर सवाल खड़ा किया है।
इस संबंध में सपा विधायक जियाउर रहमान बरक ने कहा, “पहले ब्रिटिश सरकार हम पर शासन करती थी। अब हम पर वो लोग शासन कर रहे हैं, जिनका स्वतंत्रता संग्राम से कोई लेना-देना नहीं है। जब भारत आजादी के लिए लड़ रहा था और मुसलमानों सहित कई लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया था तब यही आरएसएस वालों ने आजादी के संघर्ष में भाग लेने से इनकार कर दिया था।”
इसके साथ ही सपा नेता बरक ने यह भी कहा, 'वो क्या समझते हैं, केवल झंडा फहराकर देश के प्रति वफादारी साबित की जा सकती है। झंडे के लिए छोटे-छोटे बच्चों से पैसा मांगा जा रही है, आखिर ये कैसी सरकार है, जिसे बच्चों से पैसा मांगने में शर्म नहीं आ रही है। देश का सबकुछ लुटाकर ये लोग अब गरीब आदमी से, छोटे-छोटे बच्चों से झंडे के लिए पैसा मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इस सरकार ने कई व्यापारियों को हजारों करोड़ रुपये बैंक से दिलवाये और वो सारा पैसा लेकर विदेश फुर्र हो गये। देश में लोग मांस के नाम पर लोगों का मांस निकाल ले रहे हैं। कभी मंदिर तो कभी मस्जिद, आखिर जब सारे हथकंडों से थक गये तो तिरंगा को बहाना बना लिया। ठीक है, अगर आपको लगता है तो देश मनाएगा आप जैसा कह रहे हैं, उस तरह से मनाएगा लेकिन खुदा के लिए झंडो का पैसा गरीब बच्चों से तो न मांगो।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)