भारत:कानपुर देहात के अकबरपुर थाना क्षेत्र से पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में यूपी पुलिस को एक शख्स को घसीट-घसीट कर पिटते देखा गया है। इस वीडियो के शोसल मीडिया पर वायरल होने के बाद यूपी पुलिस की खूब आलोचना हो रही है। बता दें कि पुलिस को शख्स के हाथ में उसका बच्चा भी नहीं दिखा और वे उसे मारते रह गए। घटना के पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा इस पर सफाई भी आई है।
क्या है पूरा मामला
यह घटना अकबरपुर जिला अस्पताल के बाहर घटी है। एसडीएम वागीश शुक्ला के अनुसार, जिला अस्पताल के कर्मचारी सुबह से अस्पताल के पास में ही हो रही खुदाई का विरोध कर रहे थे। पुलिस द्वारा समझाने पर भी कर्मचारी व नेता रजनीश शुक्ल माना नहीं और विरोध प्रदर्शन करता रहा। पुलिस का यह भी आरोप है कि रजनीश अपने और साथियों के साथ मिलकर अराजकता फैला रहा था और जिला अस्पताल की ओपीडी को भी बंद कर दिया था।
वायरल वीडियो में पुलिस की बर्बरता सामने आई
पुलिस के अनुसार उनके बार बार मना करने के बावजूद भी रजनीश नहीं माना और अस्पताल में अराजकता फैलाता रहा। पुलिस ने बताया कि उनके इस विरोध को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लाठी चार्ज की गई। बता दें कि इस वायरल वीडियो में कर्मचारी पर पुलिस लाठी बरसाती रही और वह अपना बचाव करता रहा। वह पुलिस से गुहार भी लगाते रहा कि उसे न मारे क्योंकि उसके गोद में बच्चा है, लेकिन पुलिस उसकी एक न सुनी और उसे मारते रहें।
आलोचना के बाद पुलिस ने दी सफाई
वीडियो के सामने आने के बाद यूपी सरकार के साथ पुलिस की भी खूब आलोचना हुई। इस वीडियो को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी अपने ट्वीटर हैंडेल से शेयर कर सरकार की आलोचना की है। मामले में पुलिस अपनी सफाई देते हुए कहा, 'चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रजनीश शुक्ल ने 100-200 लोगों के साथ मिलकर अराजकता फैलाई और जिला अस्पताल की ओपीडी को बंद करा दिया। वीडियो में दिख रहा है शख्स रजनीश का भाई है। पुलिस के बार-बार समझाने के बाद भी वह मानने को तैयार नहीं था। ऐसे में पुलिस को हल्का बलप्रयोग करना पड़ा।'