लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित जनता दर्शन के दौरान लोगों की समस्याओं को सुन कर उनके निदान के निर्देश अधिकारियों को दिए. इस कार्यक्रम प्रदेश भर से आए लोग अपनी-अपनी समस्याओं के निदान की उम्मीद लेकर सीएम योगी के पास पहुंचे थे. इन लोगों ने जमीन पर हुए कब्जे को हटवाने, पुलिस द्वारा सुनवाई ना करने और तबादल रुकवाने और इलाज के लिए आर्थिक मदद करने से संबंधी दस्तावेज़ सौंप कर सीएम योगी को अपनी व्यथा सुनाई.
जिस पर सीएम योगी ने हर फरियादी को उनकी समस्या का निदान अतिशीघ्र किए जाने का आश्वासन दिया. इस साथ ही सीएम योगी ने सूबे सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह फरियादियों की समस्या को सुने, उनके संवाद करे और उसका निदान करने के लिए यथोचित कार्रवाई करने. हर उचित मामलों में पीड़ित की संतुष्टि जरूरी है.
सीएम योगी ने अफसरों को दिया निर्देश
लोकसभा चुनावों में हुई हार के बाद जनता दर्शन कार्यक्रम में सूबे के अधिकारियों के सीएम योगी का दिया गया यह निर्देश अधिकारियों के लिए चेतावनी बताया जा रहा है. सीएम योगी कई बार अधिकारियों को अपने दफ्तर में समय से आकर जनता को समस्याओं को सुनकर उनके निदान करने का निर्देश दे चुके हैं.
उन्होंने यह भी कहा है कि अगर अधिकारी अपने जिले में ही लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित निदान कर दे तो लोगों को लखनऊ आकर अपनी समस्याओं के निदान की फरियाद ना करनी पड़े. सीएम ही इस तरह ही चेतावनी के बाद भी लोगों को बड़ी संख्या में जनता दर्शन कार्यक्रम में अपनी समस्या के बार में सीएम को बताना पड़ रहा है.
इसका मतलब है कि जिलों में प्रशासन और पुलिस के अफसर अपना दायित्व ठीक से नहीं निभा रहे हैं. जनता दर्शन में पुलिस और जमीन कब्जे के कई मामलों में पुलिस के सुस्ती भरी कार्रवाई के कई प्रकरणों के मिलने पर सीएम योगी ही यह धारणा बनी. जिसके चलते ही उन्होंने जनता की संतुष्टि जरूरी होने का जिक्र करते हुए अधिकारियों को कहा है कि वह दस से 12 और शाम चार से छह बजे तक अपने दफ्तर में जनता की समस्याओं को सुने और उनका निदान जिले में ही करे. किसी भी पीड़ित व्यक्ति को अपनी छोटी सी समस्या के निदान के लिए लखनऊ ना आने पड़े.
अधिकारियों को यह निर्देश देते हुए सीएम योगी ने जनता दर्शन में विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों लोगों की समस्याएं सुनीं. इस दौरान सीएम योगी से एक शिक्षक ने अपनी निजी परेशानी को बताते हुए स्थानांतरण का आग्रह किया, जिस पर उनके आवेदन को कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया. वहीं मृतक आश्रित कोटे से नौकरी का प्रार्थना पत्र लेकर भी एक फरियादी पहुंचे, जिस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों को इसे सम्बंधित विभाग में भेजकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।