UP Lockdown: 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं? उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा- कुछ कहना जल्दबाजी

By भाषा | Published: April 7, 2020 05:24 AM2020-04-07T05:24:19+5:302020-04-07T05:24:19+5:30

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 308 हो गयी है, जिनमें से 164 मामले तबलीगी जमात से जुडे हैं। लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद खोले जाने की मीडिया की खबरों के बीच सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि तबलीगी जमात के मरीजों की संख्या आधे से भी ज्यादा है, ऐसे में संवेदनशीलता बढ़ने के कारण यह कहा नहीं जा सकता कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं।

UP Lockdown: Will lockdown be open after April 14 Uttar Pradesh government said it s too early to say anything | UP Lockdown: 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं? उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा- कुछ कहना जल्दबाजी

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन खोले जाने पर सरकार ने कहा कि कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

Highlightsउत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 308 हो गयी है, जिनमें से 164 मामले तबलीगी जमात से जुडे हैं।अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जैसे ही लॉकडाउन खोला जाएगा तो सुनिश्चित किया जाएगा कि हमारा प्रदेश कोरोना वायरस मुक्त है, हालांकि अभी संभावना नहीं है कि (लॉकडाउन) जल्दी खुल पाएगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 308 हो गयी है, जिनमें से 164 मामले तबलीगी जमात से जुडे हैं। लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद खोले जाने की मीडिया की खबरों के बीच सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि तबलीगी जमात के मरीजों की संख्या आधे से भी ज्यादा है, ऐसे में संवेदनशीलता बढ़ने के कारण यह कहा नहीं जा सकता कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की ओर से शाम जारी बुलेटिन में बताया गया कि अब तक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 308 हो गयी है, जिनमें से 164 मामले तबलीगी जमात से जुडे हैं। बुलेटिन में बताया गया कि सबसे अधिक 58 मामले गौतम बुद्ध नगर में हैं। आगरा में 52, मेरठ 33, सहारनपुर 13, लखनऊ 22, गाजियाबाद 23, कानपुर आठ, बरेली छह, बस्ती पांच, आजमगढ़ तीन, फिरोजाबाद चार, बुलंदशहर तीन, शामली 14, जौनपुर तीन, पीलीभीत दो, वाराणसी सात, प्रतापगढ़ तीन, लखीमपुर खीरी चार, मुरादाबाद एक, बागपत दो, हापुड तीन, गाजीपुर पांच, हरदोई एक, शाहजहांपुर एक, बांदा दो, महाराजगंज छह, हाथरस चार, मिर्जापुर दो, रायबरेली दो, औरैया एक, बाराबंकी एक, कौशाम्बी एक, बिजनौर एक, सीतापुर आठ, प्रयागराज एक, मथुरा दो और एक मामला बदायूं का है।

अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''तबलीगी जमात से जुड़े मरीजों की संख्या आधे से भी अधिक है। इसके कारण संवेदनशीलता बढ़ी है।'' अवस्थी ने कहा कि पहले चरण में उन लोगों को देख रहे हैं जो मरीज हैं यानी 164 लोगों को देख रहे हैं। दूसरे चरण में उन 'बी' श्रेणी के लोगों को देख रहे हैं जो 164 लोगों से जुडे हैं और तीसरे चरण में 'सी' श्रेणी के लोगों को देख रहे हैं जो 'बी' श्रेणी से जुडे हैं। उन्होंने कहा, ''संवेदनशीलता बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, कहा नहीं जा सकता। एक भी मामला अगर प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन खोलना उचित नहीं होगा क्योंकि जितनी भी व्यवस्था लॉकडाउन के संबंध में की गयी और उससे जो फायदा हुआ, मामले कंट्रोल हुए हैं ..... एक भी मामला रह जाता है तो लॉकडाउन खोलने पर वापस वही (खराब) स्थिति आ जाएगी।''

अवस्थी ने पुन: स्पष्ट किया कि पिछले चार पांच दिन में मरीजों की जो संख्या बढ़ी है, उसे देखते हुए लॉकडाउन खुलेगा या नहीं, यह कहना 'प्री मेच्योर' (जल्दबाजी) होगा। संक्रमित मामले बढ़ने की वजह से संवेदनशीलता बढ़ गयी है। उन्होंने बताया कि कल से आज तक 30 मामले आये, इनमें से 26 तबलीगी जमात के मामले हैं। अवस्थी ने बताया कि तबलीगी जमात के सबसे ज्यादा मामले आगरा में 32 हैं। लखनऊ में 12, गाजियाबाद में 14, लखीमपुर खीरी में तीन, कानपुर सात, वाराणसी चार, शामली 13, जौनपुर दो, बागपत एक, मेरठ 13, हापुड़ तीन, गाजीपुर पांच, आजमगढ तीन, फिरोजाबाद चार, हरदोई एक, प्रतापगढ़ तीन, सहारनपुर 13, शाहजहांपुर एक, बांदा दो, महाराजगंज छह, हाथरस चार, मिर्जापुर दो, रायबरेली दो, औरैया एक, बिजनौर एक, मथुरा एक, बदायूं एक, सीतापुर आठ, प्रयागराज एक और बाराबंकी में एक मामला है।

उन्होंने कहा, ''प्रदेश में जब तक एक भी मामला कोरोना वायरस का बच जाता है, लॉकडाउन नहीं खोलेंगे।'' अवस्थी ने बताया कि अब तक दिल्ली के तबलीगी मरकज में सम्मिलित होने वाले लगभग 1600 लोगों को चिन्हित करके 1200 से अधिक लोगों को पृथक किया गया है। जीवन सबसे महत्वपूर्ण हैं, अतः मरकज से लौटने वाले लोग स्वयं आगे आकर अपनी जांच करायें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिये युवा वर्ग को जोड़ते हुये मोहल्ला वॉरियर बनाये जायें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये जनसहयोग आवश्यक है । अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लॉकडाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा—188 के तहत 9, 955 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। अब तक कुल 32, 132 लोग गिरफ्तार किये गये। प्रदेश में कुल 5, 355 बैरियर व नाके स्थापित किये गये हैं तथा अब तक 11, 36, 214 वाहनों की सघन जांच में 17, 244 वाहन सीज किये गये। जांच अभियान के दौरान 4, 72, 20, 809 रुपये का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 149715 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 276 लोगों के खिलाफ 203 प्राथमिकी दर्ज करते हुए 94 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ‘फेक न्यूज’ पर कड़ाई से नजर रख रही है। आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले जौनपुर के एक व्यक्ति के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है जबकि हरदोई के ग्राम पंचायत अधिकारी को निलम्बित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त कुछ लोगों के सोशल एकाउंट निलंबित किये गये हैं और कुछ पर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि टिक-टॉक पर कई मामले आपत्तिजनक पाये गये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच की सुविधा मजबूत करने के निर्देश दिये हैं। जिन जिलों में जांच सुविधा नहीं होगी, वहां जांच कलेक्शन सेंटर बनाएंगे। जांच की बढ़िया प्रणाली प्रदेश में लागू होगी। अवस्थी ने अपील करते हुए कहा कि किसी भी जनपद में धर्मस्थल या अन्य स्थान पर कोई भी रह गया है, जो संदिग्ध है, जिसकी तबियत खराब है या जिसका बीमार के साथ संपर्क हुआ है, विलंब ना करे क्योंकि जितना विलंब करेंगे, प्रदेश उतना पीछे रहेगा।

उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात के आंकडों की वजह से कोविड-19 के जो मामले बढ़े हैं, वह चिन्ता का विषय हैं इसलिए लॉकडाउन पर फिर विचार करना होगा कि 14 के बाद खुल पाएगा या नहीं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जैसे ही लॉकडाउन खोला जाएगा तो सुनिश्चित किया जाएगा कि हमारा प्रदेश कोरोना वायरस मुक्त है, हालांकि अभी संभावना नहीं है कि (लॉकडाउन) जल्दी खुल पाएगा। अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 के सम्बंध में पूरे प्रदेश में अब तक 4009 अस्थायी स्क्रीनिंग कैम्प एवं आश्रय स्थल बनाये गये हैं जिसमें 1,17,467 लोग रह रहे हैं। इन आश्रय स्थलों पर बेड, पेयजल, भोजन, सेनेटाइजर, साबुन, शौचालय एवं चिकित्सीय सुविधा आदि की व्यवस्था की गयी है, जिसमें ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

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