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यूपी जल निगम ने 3 महीने से अपने कर्मचारियों को नहीं दी सैलरी, पर कोविड फंड में जमा किए 1.47 करोड़ रुपए

By स्वाति सिंह | Updated: May 6, 2020 14:54 IST

पीएम केयर्स फंड के तर्ज पर यूपी सीएम ने कोविड केयर फंड बनाया गया, जिसमें 27 अप्रैल को जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगभग 1.47 करोड़ का चेक सौंपा था।

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ठळक मुद्देजल निगम ने सीएम राहत कोष के लिए 1.47 करोड़ रुपये का योगदान दिया।जल निगम ने अपने 24 हजार से अधिक कर्मचारी व पेंशनर्स को तीन महीने से सैलरी और पेंशन नहीं दी है। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जल निगम (जल निगम) ने 27 अप्रैल को सीएम राहत कोष के लिए 1.47 करोड़ रुपये का योगदान दिया। जिसे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम केयर्स फंड की तर्ज पर बनाया है। जल निगम के प्रबंध निदेशक विकास गोठवाल और शहरी विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने डिमांड ड्राफ्ट को व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री को दिया था। निगम की ओर से इसे फरवरी महीने का एक दिन का वेतन बताया गया।  वहीं, बताया जा रहा है कि जल निगम ने अपने 24 हजार से अधिक कर्मचारी व पेंशनर्स को तीन महीने से सैलरी और पेंशन नहीं दी है। 

दिप्रिंट के मुताबिक, निगम की ओर से इसे फरवरी महीने का एक दिन का वेतन बताया गया है। वहीं, मामले में कर्मचारियों का कहना है कि जब सैलरी ही नहीं मिली तो, कैसे उससे एक दिन का वेतन का काट लिया गया।

दिप्रिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी जल निगम कर्मचारी महासंघ के संयोजक अजय पाल सोमवंशी ने बताया कि बीते तीन महीनों (फरवरी, मार्च, अप्रैल) से कोई सैलरी किसी को नहीं मिली है, तो फिर कैसे उससे पैसा काट लिया वो भी बिना किसी जानकारी। हमें कोविड फंड में देने से आपत्ति नहीं है। लेकिन हमें आपत्ति इस बात से है कि जब कर्मचारियों को ही निगम तीन महीने से सैलरी नहीं दे पा रहा है, तो कोविड केयर फंड में देने का पैसा कहां से आया और कटौती करके फंड में रकम दे दी तो फरवरी का वेतन भी तो जारी किया जाना चाहिए था।

बता दें कि पीएम केयर्स फंड के तर्ज पर यूपी सीएम ने कोविड केयर फंड बनाया गया, जिसमें 27 अप्रैल को जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगभग 1.47 करोड़ का चेक सौंपा था। इस बात की जानकारी खुद सीएमओ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करके दी थी। 

उधर, जल निगम कर्मचारी समन्वय समिति के प्रमुख प्रवक्ता डीपी मिश्रा ने कहा, 'एक दिन की सैलरी देने के लिए हमसे कोई भी लिखित अपील नहीं की गई थी। संकट के समय में किसी को भी डोनेट करने से परेशानी नहीं है। लेकिन बात ये है कि एक बार कर्मचारी और अधिकारियों से पूछा जाना आवश्यक है।' साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिस महीने की सैलरी काटी गई है उसका अभी तक वेतन आया ही नहीं है। 

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