लखनऊः उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश के कारण डेढ़ दर्जन जिलों के 1370 गांव बाढ़ की चपेट में है। सोमवार और मंगलवार को हुई अत्यधिक बारिश और बाढ़ जनित हादसों में 6 लोगों की मौत हो गई। बिना मौसम की बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसान इस बात को लेकर खासे परेशान हैं। किसानों की मानें तो धान की तैयार फसल खराब हो गई है।
राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश के 18 जिलों के 1370 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं जिनमें बलरामपुर के सबसे ज्यादा 287 गांव शामिल हैं। इसके अलावा सिद्धार्थनगर में 129, गोरखपुर में 120, श्रावस्ती में 114, गोंडा में 110, बहराइच में 102, लखीमपुर खीरी में 86 और बाराबंकी में 82 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये विवरण के अनुसार प्रदेश में अतिवृष्टि से तीन, आकाशीय बिजली गिरने, सर्पदंश तथा डूबने से एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, सर्पदंश तथा डूबने से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मारे गए लोगों के परिजनों को राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं।
बारिश के बाद यूपी में बहने वाली कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रयागराज, अयोध्या और बनारस में नदियों का जलस्तर में दोबारा वृद्धि हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये विवरण के अनुसार गंगा नदी बदायूं (कचलाब्रिज) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है इसके अलावा शारदा नदी लखीमपुर खीरी (पलियाकलां एवं शारदानगर) में, सरयू बबई नदी बहराइच (गायघाट) में, घाघरा नदी बाराबंकी (एल्गिन ब्रिज), अयोध्या और बलिया (तुर्तीपार)में, राप्ती नदी श्रावस्ती (भिनगा) बलरामपुर, सिद्धार्थनगर (बांसी) और गोरखपुर (बर्डघाट) में, बूढ़ी राप्ती नदी सिद्धार्थनगर (ककरही) में, रोहिन नदी महराजगंज (त्रिमोहिनीघाट) में तथा कुआनो नदी गोंडा (चन्द्रदीपघाट) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार ने बताया कि जलस्तर बढ़ रहा है, टीम लगा दी गई है। नाव की व्यवस्था की गई है। SDRF की टीम भी लगाई गई हैं। सर्वे किया जा रहा है, जिन्हें आवश्यकता होगी, उनकी मदद की जाएगी। (इनायत नगर क्षेत्र में मकान गिरने की घटना पर) उन लोगों को मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए आवश्यकतानुसार राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) तथा पीएसी की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं।